यहां वाटर रिजवायर बनाया जाएगा, ताकि यमुना जल को जिले में अधिक बहाव होने पर रिजर्व किया जा सके। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अति. मुख्य अभियंता अजय त्यागी, अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार अग्रवाल, अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार बुरडक एवं नत्थमल खेदड़, सहायक अभियंता अभिषेक सैनी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि कई जगह सर्वे कर रहे हैं। खेतड़ी के अजीत सागर बांध व उदयपुरवाटी के निकट कोट बांध की लोकेशन भी देखी जाएगी। जहां िस्थति अनुकूल मिलेगी वहां रिजवायर बनाए जाएंगे।
काटली को फिर से जीवित करने के लिए राजस्थान पत्रिका कई बार अभियान चला चुका। इसके बाद अधिकारियों ने यमुना जल से इसे फिर से जीवित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा नदी से नदी को जोड़ने की योजना के तहत भी इसके जीवित करने पर कार्य किया जाएगा। पूर्वी राजस्थान में अनेक नदियों को ईआरसीपी के तहत ऐसे ही जोड़ने व सूख चुके बांधों में चम्बल, कालीसिंध व पार्वती नदी का पानी पहुंचाया जाएगा।
मलसीसर में बने हुए हैं दो रिजवायर
कुम्भाराम लिफ्ट परियोजना का पानी एकत्रित करने के लिए मलसीसर के निकट दो रिजवायर बने हुए हैं। एक छोटा व एक बड़ा है। पानी सबसे पहले दोनों रिजवायर में आता है। इसके निकट ही बड़े-बडे़ फिल्टर प्लांट बने हुए हैं। इसके बाद वहां से झुंझुनूं, खेतड़ी व अन्य जगह पानी पाइल लाइन से पीने के लिए जाता है।
फैक्ट फइल:
17 फरवरी 2024 को यमुना जल को लेकर हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार में एमओयू हुआ।
3 से 4 वाटर रिजर्वेयर बनेंगे झुंझुनूं जिले में 70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकती है जिले में योजना के दूसरे चरण में 263 किमी लंबाई है ताजेवाला हैडवर्क्स (हथिनीकुंड बैराज) से हांसियावास (राजगढ़), जहां से राजस्थान में जल प्रवेश करता है
19136 करोड़ की संभावित लागत है प्रथम चरण की