scriptकोरोना के बावजूद पितरों को पिंडदान का मोह नहीं छोड़ सके | Despite corona, huge gathering for pind daan for deceased | Patrika News
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कोरोना के बावजूद पितरों को पिंडदान का मोह नहीं छोड़ सके

(Haryana News ) कोरोना की (Violation of Corona rules ) दहशत बेशक हर तरफ व्याप्त है। देशभर में कोरोना संक्रमितों और मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद लोग मनमानी करके अपने साथ दूसरों की जाने खतरे में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा देखने को मिला अमावस्या के दिन जींद के साथ लगते पांडु पिडारा गांव में जहां पिडतारक तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान करवाने (Pind Daan ) की खातिर श्रद्धालुओं की भीड़ (Huge gathering ) जुटी।

जींदSep 18, 2020 / 07:44 pm

Yogendra Yogi

कोरोना के बावजूद पितरों को पिंडदान का मोह नहीं छोड़ सके

कोरोना के बावजूद पितरों को पिंडदान का मोह नहीं छोड़ सके

जींद(हरियाणा): (Haryana News ) कोरोना की (Violation of Corona rules ) दहशत बेशक हर तरफ व्याप्त है। देशभर में कोरोना संक्रमितों और मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद लोग मनमानी करके अपने साथ दूसरों की जाने खतरे में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा देखने को मिला अमावस्या के दिन जींद के साथ लगते पांडु पिडारा गांव में जहां पिडतारक तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान करवाने (Pind Daan ) की खातिर श्रद्धालुओं की भीड़ (Huge gathering ) जुटी। सरकार व प्रशासन की रोक के बाद भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पितरों के तर्पण के लिए पिंडदान करने पहुंचे। हालांकि प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाई गई थी।

महाभारतकालीन तीर्थ
पिडारा के महाभारतकालीन तीर्थ पर अमावस्या को अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिड दान करने की खातिर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां पर अमावस्या को मेला भी लगता है लेकिन लेकिन कोरोना के कारण पिछले छह महीने से ही यहां पर मेला और धार्मिक आयोजन पर रोक लगाई गई है। हर बार अमावस्या के दिन पुलिस बल तैनात किया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने से रोका जा सके। अमावस्या पर अनेक श्रद्धालु पिडारा पहुंच गए।

पुलिस नाका नाकाम रहा
पुलिस ने नाका लगाया हुआ था, इसलिए (Police failure to stop gathering ) उन्हें वापस भेज दिया लेकिन श्रद्धालु वापस जाने की बजाय पुलिस से नजर बताते हुए गलियों से होकर तीर्थ के दूसरी तरफ पहुंच गए और वहां पर स्नान किया। गांव के पशु तालाब के पास कृषि विज्ञान केंद्र की सड़क से होते हुए तीर्थ के साथ लगती एक धर्मशाला का रास्ता खुलता है। दूसरी ओर इसी धर्मशाला का रास्ता तीर्थ पर भी खुलता है। ऐसे में लोगों ने धर्मशाला के रास्ते तीर्थ तक पहुंच कर स्नान किया। कुछ धर्मशालाओं में भी हवन व पिंडदान किए गए।

धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण
पुलिस द्वारा रोके जाने वाले श्रद्धालुओं ने कहा कि धार्मिक दृष्टि से यह दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे नियम भी नहीं टूटें और लोगों की आस्था भी बनी रहे। अब भी तीर्थ से दूर ही सही, लेकिन लोग एकत्रित हो रहे हैं। इससे अच्छा होता कि तीर्थ पर ही ऐसी व्यवस्था की जाती, जिससे लोग शारीरिक दूरी के साथ अपने अनुष्ठान कर सकें।

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