गर्मी के मौसम में वहां भी यह और घट गई है। इससे आगे संकट और बढ़ सकती है। प्रदेश में सिर्फ 2615 गांव ऐसे हैैं, जहां 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी की उपलब्धता का दावा किया जा रहा है, मगर गर्मी बढऩे के साथ ही पानी की सप्लाई कम हो रही है। सबसे खराब स्थिति दक्षिण हरियाणा में हैैं। महेंद्रगढ़, नारनौल, भिवानी, सिरसा, रेवाड़ी, भिवानी, हिसार व फतेहाबाद इलाकों में पीने के पानी के लिए आपाधापी मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा राज्य सरकार पर सवाल खड़े करने के बाद हरियाणा के जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिक राज्यमंत्री बनवारी लाल ने अधिकारियों को पेयजल संकट से निपटने के निर्देश दिए हैैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में जहां, टयूबवेल आधारित या नहर आधारित पानी मुहैया नहीं हो पाएगा, वहां टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य मंत्री बनवारी लाल ने दावा किया कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर 342 टयूववेल लगाए जा रहे हैैं, ताकि लोगों को सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार के इन प्रयासों को नाकाफी बताया है। उनका कहना है कि ऐसे इंतजाम पहले से करके रखने चाहिए। अब लोगों खासकर महिलाओं को दिक्कत हो रही है तो अभी भी सरकार इंतजाम करने का दावा भर कर रही है, जबकि असलियत यह है कि सुदूर इलाकों में पानी है ही नहीं।
राज्य मंत्री बनवारी लाल का कहना है कि इन टयूबवेल को अति शीघ्र स्थापित करने के लिए सरकारी मशीनरी के साथ-साथ निजी ठेकेदारों की मदद ली जाएगी, ताकि लोगों को जल्द से जल्द पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा सके। बनवारी लाल ने भूजल स्तर गिरने का हवाला देते हुए राज्य के लोगों से पानी की बचत करने का आह्वïान किया है। उन्होंने कहा कि पानी का उतना ही इस्तेमाल करें, जितनी जरूरत है। उसे बर्बाद करने से बचाएं।