अशोक तंवर ने बनाई कमेटी
हुड्डा ओर तंवर गुट में आपसी खींचतान के चलते आज हरियाणा में कांग्रेस पार्टी करीब आधा दर्जन गुटों में बदल चुकी है। हुड्डा खेमा पिछले पांच साल में अशोक तंवर को हटवाने के लिए अब तक आठ बार हाईकमान को शिकायत भेज चुका है। यही नहीं हुड्डा खुद तो पर्दे के पीछे रहे लेकिन उनके गुट के विधायक अक्सर हाईकमान पर दबाव बनाते रहे हैं। इसके बावजूद तंवर अपने स्तर न केवल बैठके कर रहे हैं बल्कि गत दिवस तंवर ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए इलैक्शन प्लानिंग एवं मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया था। तंवर ने इस कमेटी की बागडोर हाल ही में अपनी ‘समस्त भारतीय पार्टी’ का कांग्रेस में विलय करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी सुदेश अग्रवाल को सौपते हुए हुड्डा, कुलदीप, किरण चौधरी समेत तमाम बड़े नेताओं को इस कमेटी का सदस्य बनने का इशारा किया था। तंवर द्वारा गठित इस कमेटी को हरियाणा के किसी भी नेता ने स्वीकार नहीं किया। अब हाईकमान ने भी तंवर द्वारा गठित कमेटी को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस पार्टी में हरियाणा मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ( Ghulam Nabi Azad ) ने आज साफ किया कि पीसीसी ( PCC ) को इस तरह की कमेटी का गठन करने का कोई अधिकार नहीं है। यह अधिकार सिर्फ राष्ट्रीय समिति के पास है। राष्ट्रीय समिति जब भी इस तरह की कमेटी बनाती है तो सभी की सहमति से बनाती है।
आज़ाद ने तंवर द्वारा बनाई कमेटी को एक घर मे बैठकर बनाई कमेटी करार देते हुए कहा कि इस कमेटी में हाईकमान की कोई सहमति नहीं है। इसका गठन करने से पहले तंवर द्वारा किसी को भी भरोसे में नही लिया गया। आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष नामजद होने के बाद जिस जिस राज्य में बदलाव की जरूरत होगी या उस राज्य में बदलाव किया जाएगा। जो नेता इस्तीफा दे चुके हैं उनके बारे में भी फैसला अभी पेंडिंग है।
जल्द होगा नेता प्रतिपक्ष का फैसला
हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष के चयन में हो रही देरी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा इस मामले को बहुत जल्द निपटा लिया जाएगा।