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इस राज्य में सरकार का नहीं बल्कि खाप पंचायतों का राज चलता है

( Hariyna News ) आप माने या ना माने (Believe or not ), बेशक वैधानिक तौर पर सारी ताकत चुनी हुई सरकारों में (Elected government ) होती है, किन्तु हरियाणा के मामले (Not implement completely in Hariyana ) में यह बात पूरी तरह लागू नहीं होती। हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां चाहे मुद्दा सामाजिक हो या कानूनी बगैर खाप पंचायतों (Khap panchyatai ) के सरकार आसानी से कोई निर्णय नहीं ले पाती।

जींदJul 22, 2020 / 11:30 pm

Yogendra Yogi

इस राज्य में सरकार का नहीं बल्कि खाप पंचायतों का राज चलता है

इस राज्य में सरकार का नहीं बल्कि खाप पंचायतों का राज चलता है

जींद(हरियाणा): ( Hariyna News ) आप माने या ना माने (Believe or not ), बेशक वैधानिक तौर पर सारी ताकत चुनी हुई सरकारों में (Elected government ) होती है, किन्तु हरियाणा के मामले (Not implement completely in Hariyana ) में यह बात पूरी तरह लागू नहीं होती। हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां चाहे मुद्दा सामाजिक हो या कानूनी बगैर खाप पंचायतों (Khap panchyatai ) के सरकार आसानी से कोई निर्णय नहीं ले पाती। जिस मामले में खाप पंचायत बीच में आ जाती है, उसमें आखिरकार सरकार को उनकी मान-मनोव्वल करनी ही पड़ती है। हालांकि ये पंचायतें चुनी हुई नहीं है किन्तु इनकी हैसीयत चुनी हुई सरकार से कम नहीं है। इस बार खाप पंचायते राज्य से बर्खास्त किए गए हजारों सरकारी शारीरिक शिक्षकों के मामले में बीच में आ गई हैं। इससे हरियाणा की भाजपा सरकार का दम फूला हुआ है। सरकार में इतना साहस नहीं है कि खाप पंचायतों की अनसुनी कर सके।


सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद नौकरी से बर्खास्त किए गए 1 हजार 983 पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में नई अनाज मंडी में हुई सर्वजातीय महापंचायत में उमड़ी भीड़ ने प्रशासन के हाथ-पांव फूला दिए। बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में 100 से ज्यादा खाप पंचायतें आई। महम और चरखी दादरी के विधायक समेत 100 से ज्यादा खाप प्रतिनिधि महापंचायत में पहुंचे और सभी ने बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों के समर्थन में आवाज बुलंद की। महापंचायत के मंच से सभी ने सरकार को 25 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है। उसके बाद आंदोलन की शुरुआत होगी। उसके बाद जन सैलाब बढ़ता गया, जिसके सामने प्रशासन लाचार नजर आया।

प्रशासन की अनदेखी
प्रशासन को अंदेशा ही नहीं था कि हजारों की संख्या में लोग महापंचायत में पहुंच जाएंगे। प्रशासन को अंदेशा ही नहीं था कि हजारों की संख्या में लोग महापंचायत में पहुंच जाएंगे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार मनोज अहलावत के साथ पुलिस मौके पर पहुंची और वहां पर बिछाई गई दरियों को हटाने लगे, लेकिन वहां पर मौजूद पीटीआइ उन दरियों के ऊपर लेट गए और हटाने नहीं दिया। पीटीआइ व पुलिस कमिज़्यों के बीच में हल्की झड़प भी हुई। वहां पर ज्यादा भीड़ देखकर प्रशासन पीछे हट गया। इसके बाद प्रशासनिक अमला मंडी में मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा। इस दौरान प्रशासनिक अमला महापंचायत की अनुमति नहीं होने के चलते कानूनी कार्रवाई की धमकी देता रहा

यह लड़ाई खाप पंचायतों की
सर्वखाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिनैन खाप के प्रधान नफेसिंह नैन ने कहा कि अब यह लड़ाई बर्खास्त पीटीआइ अध्यापकों नहीं होकर खापों की लड़ाई बन गई है। सरकार ने अगर नौकरी बहाल नहीं की तो फिर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। सूबे समैण ने कहा कि 1 हजार 983 परिवारों को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। राज्य स्तरीय जनसभा के इस मंच पर बलंभा से पहुंचे राजा ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी नौकरी बहाल नहीं की तो 15 अगस्त नहीं मनाएंगे।

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