scriptयहां के राजा को प्रजा ने भारत में शामिल होने के लिए कर दिया था मजबूर | The king here was forced by people merger in India | Patrika News
जींद

यहां के राजा को प्रजा ने भारत में शामिल होने के लिए कर दिया था मजबूर

(Haryana News ) देश का एक स्टेट ऐसा भी है जिसे भारत की आजादी के करीब 9 महीनों बाद (Get freedom after 9 month) आजादी मिल सकी। आज यह स्टेट है हरियाणा राज्य का जींद जिला। (Jind State ) इसमें राजा का शासन था। देश जहां 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया, वही जींद स्टेट 5 मार्च 1948 को आजाद हो सका। इसके लिए इस स्टेट के बाशिंदों को लंबा संघर्ष करना पड़ा, तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई (Sardar Vallabh bhai Patel ) पटेल के हस्तक्षेप के बाद उन्हें आजादी नसीब हो सकी।

जींदAug 17, 2020 / 08:29 pm

Yogendra Yogi

यहां के राजा को प्रजा ने भारत में शामिल होने के लिए कर दिया था मजबूर

यहां के राजा को प्रजा ने भारत में शामिल होने के लिए कर दिया था मजबूर

जींद(हरियाणा): (Haryana News ) देश का एक स्टेट ऐसा भी है जिसे भारत की आजादी के करीब 9 महीनों बाद (Get freedom after 9 month) आजादी मिल सकी। आज यह स्टेट है हरियाणा राज्य का जींद जिला। आजादी से पूर्व जींद स्टेट (Jind State ) था। इसमें राजा का शासन था। इसकी आजादी की कहानी बड़ी दिलचस्प है। देश जहां 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया, वही जींद स्टेट 5 मार्च 1948 को आजाद हो सका। इसके लिए इस स्टेट के बाशिंदों को लंबा संघर्ष करना पड़ा, तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई (Sardar Vallabh bhai Patel ) पटेल के हस्तक्षेप के बाद उन्हें आजादी नसीब हो सकी।

राजा ने किया विलय से इंकार
दरअसल जींद के तत्कालीन राजा रणबीर सिंह ने स्टेट का विलय भारत में करने से इंकार कर दिया। जबकि देश के ज्यादातर स्टेट विधिवत रूप से भारत में शामिल हो चुके थे। जिन प्रान्तों के राजाओं ने भारत में शामिल होने से इंकार किया या ना-नाकुर की, वहां तत्कालीन केंद्र सरकार ने बल प्रयोग करके उनका विलय कराया। जींद स्टेट भी इसी तरह भारत में शामिल हो सका। तभी इसे राजा के शासन से मुक्ति मिल सकी। अंग्रेजी शासन से भारत देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन जींद स्टेट राजा के अधीन ही रहा। भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के सबसे कम उम्र 36 साल के सदस्य चौधरी निहाल सिंह तक्षक की अगुआई में चले आंदोलन के बाद 5 मार्च 1948 को जींद रियासत भारतीय यूनियन का हिस्सा बनी थी और तिरंगा फहराया गया था।

क्रांतिकारी नेता निहाल सिंह
जींद स्टेट के जिला चरखी दादरी के गांव भागवी में 1911 में जन्मे चौ. निहाल सिंह तक्षक क्रांतिकारी नेता थे। वर्ष 1937 में पहली बार जींद रियासत में एमएल चुने गए। रियासत में राजा रणबीर सिंह के बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ निहाल सिंह ने जींद रियासत प्रजा मंडल का गठन किया और संस्थापक प्रधान बने। वर्ष 1942 में फिर जींद रियासत में एमएल बने। रियासत के गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को प्रजा मंडल से जोड़ा। देशभर में लोग अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महात्मा गांधी के नेतृत्व को स्वीकार कर रहे थे, उसी तरह चौ. निहाल सिंह की अगुआई में लोग प्रजामंडल के साथ जुड़कर राजा की उत्पीडऩकारी नीतियों का विरोध कर रहे थे।

राजा ने किया दमन
प्रजामंडल के बढ़ते प्रभाव को देखकर राजा ने दमन चक्र बढ़ा दिया था और धारा-144 लगाकर प्रजा मंडल के जलसों पर पाबंदी लगा दी थी। लोगों की नंबरदारी छीन ली गई। 9-10 नवंबर 1946 को दादरी में स्टेट प्रजामंडल के अधिवेशन में तीस हजार लोग शामिल हुए, जिसमें राजा के खिलाफ कई प्रस्ताव पास हुए। प्रजामंडल के बढ़ते प्रभाव से घबराकर राजा ने मंत्रिपरिषद का गठन करके एक जनवरी 1947 को चौ. निहाल सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई।

राजा के खिलाफ हुआ बड़ा आंदोलन
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ, लेकिन जींद रियासत राजा के अधीन ही रही। राजा ने चौ. निहाल सिंह को बुलाकर रियासत के मुख्यमंत्री का ऑफर दिया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद निहाल सिंह ने अपनी पूरी ताकत जींद रियासत को भारतीय संघ में मिलाने के लिए झोंक दी। किले व थाने घेर लिए, तब राजा झुका और जींद भारत संघ मे शामिल हो सका। जींद रियासत प्रजा मंडल ने दादरी को जींद रियासत से अलग करने व जींद को भारतीय संघ का हिस्सा बनाने के लिए फरवरी 1948 में बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया।

पटेल के हस्तक्षेप से झुका राजा
चौ. निहाल सिंह तक्षक की अगुआई में दादरी में जुलूस निकाला गया, जिसमें करीब दस हजार लोग शामिल हुए। 25 फरवरी को प्रजामंडल के बड़े नेताओं के आह्वान पर 30 हजार लोगों ने समानांतर सरकार बनाकर चौ. महताब सिंह को राजा घोषित कर दिया। किले में सरकारी नाजिम व अधिकारियों के लिए खाने-पीने की सामग्री के लिए कुछ नहीं जाने दिया। नियंत्रण से बाहर होता देख राजा रणबीर सिंह ने गृह मंत्री सरदार पटेल से बातचीत की। इसके बाद 5 माचज़् 1948 को चौ. निहाल सिंह समेत अन्य नेताओं को जेल से रिहा कर दिया और जींद रियासत को खत्म करके भारतीय संघ में मिला दिया।

Home / Jind / यहां के राजा को प्रजा ने भारत में शामिल होने के लिए कर दिया था मजबूर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो