चौहाबो थाना पुलिस ने गत 18 नवम्बर की शाम विशेष टीम की सूचना पर गुलिस्तां कॉलोनी में डेढ़ किलो अफीम जब्त कर महेन्द्र गौड़ को गिरफ्तार किया था। वह बासनी में कृषि यंत्र फैक्ट्री में काम करता है। फैक्ट्री मालिक को आरोपी नहीं बनाया गया था। सिपाहियों ने फैक्ट्री संचालक सत्यनारायण सुथार से संपर्क कर मादक पदार्थ की तस्करी में उसकी भूमिका बताते हुए गिरफ्तारी का डर बताया और बचने के लिए लाखों रुपए मांगे। दस-बारह दिन तक दोनों पक्षों में राशि को लेकर बातचीत चलती रही। आखिरकार 28 लाख रुपए में सौदा तय हुआ।
इस मामले में एक हैंडीक्राफ्ट कारोबारी ने मध्यस्थता की। पुलिस को दिए बयान में उद्यमी व उसके पुत्र ने कहा कि उन्होंने सिपाहियों को देने के लिए हैण्डीक्राफ्ट कारोबारी को लाखों रुपए दिए थे। पुलिस ने व्यवसायी से सम्पर्क किया तो उसने राशि लेने की बात कबूल की, साथ ही कहा कि उसने रकम सिपाहियों को नहीं दी। सिपाहियों ने भी राशि लेने से इनकार किया। पुलिस ने उद्यमी की लिखित शिकायत पर जांच शुरू की। पत्रिका ने उद्यमी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। उद्यमी सुथार समाज का अध्यक्ष भी है।
मध्यस्थ ने राशि अधिक होने की बात कही। फैक्ट्री मालिक ने सिपाहियों से बात की। रुपए वापस भी मांगे, लेकिन सिपाहियों ने मना कर दिया। तब फैक्ट्री मालिक डीसीपी के समक्ष पेश हुआ। सिपाहियों से बातचीत की रिकॉर्डिंग व अन्य साक्ष्य पेश किए। डीसीपी रात को थाने पहुंची और लताड़ लगाई। परिवादी ने रुपए उधार लाकर देने की बात कही। उधार देने वालों ने भी रुपए देने की पुष्टि की। तब चारों को निलम्बित किया गया।