इस कैंसर का उपचार करने के लिए वाइड लोकल एक्सीजन करना पड़ता है। जिसके पश्चात सबसे बड़ा चैलेंज नीचे के होठ का पुनर्निर्माण यानी रिकंस्ट्रक्शन करना होता है। डॉ. शर्मा ने कहा कि इस टास्क को पूरा करने के लिए कैंसर को पूर्ण रूप से शरीर से बाहर निकालने के पश्चात दोनों तरफ के इंफ्रालेबियल फ्लैप एडवांसमेंट तकनीक से नीचे के होंठ का रिकंस्ट्रक्शन किया गया। इस तकनीक से मुंह का जो एंगल होता है उसको बचाकर उसको पहले के जैसे बनाना काफ ी चुनौती पूर्ण होता है। लेकिन इसको सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। डॉ. शर्मा के साथ डॉ समंथ, डॉ विमल, एनेस्थेसिया के डॉ आरके सोलंकी, डॉ प्रमिला सोनी, डॉ भरत चौधरी, अरविन्द अपूर्वा, हंसराज व रेणु आदि ने सहयोग किया। अधीक्षक डॉ. बेहरा व सर्जरी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अजय मालवीय ने पूरी टीम को बधाई दीं। उल्लेखनीय हैं कि डॉ. दिनेशदत्त शर्मा लंबे समय से गांधी अस्पताल में ओंको सर्जरी कर रहे हैं। गांधी अस्पताल की इस सेवा का लाभ पूरे पश्चिमी राजस्थान के रोगियों को मिल रहा हैं।