आगामी 15 दिसम्बर को रात्रि 9.31 से शुरू हो रहा मळमास 15 जनवरी तक रहेगा। मळमास में विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं । इसके बाद 16 जनवरी से गुरु का तारा अस्त हो जाएगा, जो 14 फरवरी को उदित होगा। इसके पहले ही 9 फरवरी से शुक्र का तारा भी अस्त होकर 18 अप्रेल को उदित होगा । इसलिए शुक्र का तारा उदित होने के बाद 18 अप्रेल से ही लग्न मुहूर्तों की शुरुआत होगी। अगर गुरु या शुक्र में से कोई तारा अस्त जाता है तो उस स्थिति में विवाह जैसे शुभ कार्य टाल दिए जाने का विधान हैं।
इस माह अब सिर्फ चार मुहूर्त अब 8,9, 10 व 11 दिसम्बर को बड़ी संख्या में विवाह होंगे। उसके बाद आगामी 18 अप्रेल तक विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं है। मळमास 15 दिसम्बर की रात्रि 9.31 से प्रारंभ हो जाएगा।
अगले साल 8 वैवाहिक मुहूर्त
अप्रेल -5 मई-13
जून -7 जुलाई -7
नवंबर -8 दिसंबर -6
नवम्बर -2 दिसम्बर -7