किटासाटो रिसर्च सेंटर, नागासाकी यूनिवर्सिटी और शिमने यूनिवर्सिटी जापान ने दावा किया कि पेटेंटेड प्लाज्मा क्लस्टर टेक्नोलॉजी हवा व सतह पर मौजूद कोरोना व अन्य किसी वायरस से लडऩे में सक्षम है। इसे आईआईटी ने भी अपनी रिसर्च में प्रमाणित किया है।
कई बैंकों में स्थापित हुआ, निजी अस्पतालों में भी और इसके साथ ही शहर के कई घरों में भी लोगों ने स्थापित किया है। लवकुश आश्रम में भी इसे स्थापित किया और संचालक राजेन्द्र परिहार ने बताया कि इसके अच्छे परिणाम आए हैं।
हेल्थ एंड वेलनेस कोच डॉ धर्मेन्द्र पाल सिंह के अनुसार अस्थमा, एलर्जी और 12 साल से छोटे बच्चों के लिए ये रामबाण साबित हो रहा है। बाकी सभी के लिए भी ये चॉइस नहीं रहा, जरूरत बनता जा रहा है।
पेशे से इंजीनियर व एयर प्यूरीफायर के एक्सपर्ट प्रशांत दीक्षित बताते हैं कि पिछले कुछ साल में इस तकनीक का काफी उपयोग बढ़ा है और कोविड काल के बाद लोगों में इसके प्रति जागरूकता आई है। जोधपुर जहां पीएम 10 और पीएम 2.5 का प्रदूषण स्तर काफी घातक रहता है, उसका कारण यहां उड़ती धूल और आबोहवा है। ऐसे में एयर प्यूरीफायर की डिमांड काफी बढ़ी है। इसी प्रोजेक्ट के चलते रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।