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जोधपुर

कोविड के बाद अब लोगों में ‘स्वच्छ हवा’ का क्रेज

– घरों-दफ्तरों में क्लीन एयर के लिए बढ़ रही उपकरणों की डिमांड

जोधपुरOct 20, 2021 / 07:14 pm

जय कुमार भाटी

कोविड के बाद अब लोगों में 'स्वच्छ हवा' का क्रेज

कोविड के बाद अब लोगों में ‘स्वच्छ हवा’ का क्रेज

जोधपुर। कोरोना के बाद जिस प्रकार से स्वास्थ्य को लेकर लोगों में सजगता आई है, उसी कड़ी में एक नया आयाम एयर प्यूरीफायर भी जुड़ चुका है। घर हो या दफ्तर, प्रदूषण व वायरस मुक्त वातावरण सभी की पहली पसंद बन गया है। सूर्यनगरी में भी इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है। डोमेस्टिक से लेकर कॉर्मशियल उपयोग के लिए हवा को शुद्ध करने वाले इक्यूपमेंट की डिमांड बढ़ गई है।
जैसे वाटर प्यूरीफायर पानी को साफ करता है, वैसे ही एयर प्यूरीफायर उस कमरे या संस्थान की हवा को साफ करने का काम करता है। यह उपकरण धूल, दुर्गंध, धुआं और अन्य प्रदूषकों को रोकने का काम करता है। इसलिए बदलते मौसम में मौसमी बीमारियों से भी बचाता है। प्रति सेकंड ली जाने वाली हवा जो कि 11000 लीटर प्रतिदिन हमें चाहिए, उसमें से ज्यादा से ज्यादा लगभग 90 प्रतिशत हवा हम अंदरूनी वातावरण में बेहतर तरीके से ले सकते हैं, क्योंकि ये श्वास लेने योग्य हवा को बढ़ाता है।
आईआईटी रिसर्च ने किया प्रमाणित
किटासाटो रिसर्च सेंटर, नागासाकी यूनिवर्सिटी और शिमने यूनिवर्सिटी जापान ने दावा किया कि पेटेंटेड प्लाज्मा क्लस्टर टेक्नोलॉजी हवा व सतह पर मौजूद कोरोना व अन्य किसी वायरस से लडऩे में सक्षम है। इसे आईआईटी ने भी अपनी रिसर्च में प्रमाणित किया है।
जोधपुर में भी ऐसे बढ़ रहा चलन
कई बैंकों में स्थापित हुआ, निजी अस्पतालों में भी और इसके साथ ही शहर के कई घरों में भी लोगों ने स्थापित किया है। लवकुश आश्रम में भी इसे स्थापित किया और संचालक राजेन्द्र परिहार ने बताया कि इसके अच्छे परिणाम आए हैं।
अस्थमा-एलर्जी में अच्छे रिजल्ट
हेल्थ एंड वेलनेस कोच डॉ धर्मेन्द्र पाल सिंह के अनुसार अस्थमा, एलर्जी और 12 साल से छोटे बच्चों के लिए ये रामबाण साबित हो रहा है। बाकी सभी के लिए भी ये चॉइस नहीं रहा, जरूरत बनता जा रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पेशे से इंजीनियर व एयर प्यूरीफायर के एक्सपर्ट प्रशांत दीक्षित बताते हैं कि पिछले कुछ साल में इस तकनीक का काफी उपयोग बढ़ा है और कोविड काल के बाद लोगों में इसके प्रति जागरूकता आई है। जोधपुर जहां पीएम 10 और पीएम 2.5 का प्रदूषण स्तर काफी घातक रहता है, उसका कारण यहां उड़ती धूल और आबोहवा है। ऐसे में एयर प्यूरीफायर की डिमांड काफी बढ़ी है। इसी प्रोजेक्ट के चलते रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।

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