scriptपांच साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में | After five years, worship of Karva Chauth fast in Rohini Nakshatra | Patrika News
जोधपुर

पांच साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में

पांच साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में
नवविवाहितों में प्रथम करवा चौथ व्रत को लेकर उत्साह

जोधपुरOct 21, 2021 / 01:12 pm

Nandkishor Sharma

पांच साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में

पांच साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में

जोधपुर. सौभाग्य-समृद्धि का प्रतीक पर्व करवा चौथ 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक पक्ष की चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाएं दिन भर निर्जल निराहार रहकर रात्रि चंद्रोदय के बाद मिट्टी से बने सुराहीनुमा करवा पात्र से चंद्रमा को अघ्र्य देकर पूजन करेगी। चन्द्र दर्शन के बाद पति के हाथों सात बार जल आचमन एवं मिष्ठान खिलाकर चतुर्थी के कठिन व्रत का पारणा करेगी। मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत की तरह ही करवा चौथ व्रत करने से भी पति को लंबी आयु प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है साथ ही व्रत करने वाली महिलाओं का अखंड सौभाग्य भी बना रहता है।
करवा चौथ पर बन रहा विशिष्ट संयोग
इस साल एक शुभ और विशिष्ट संयोग करवा चौथ व्रत के दिन निर्मित हो रहा है। पंचांग व ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार करवा चौथ का चन्द्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा। मान्यता के अनुसार इस नक्षत्र में व्रत रखना अति शुभ माना जाता है। ये भी मान्यता है कि विशिष्ट योग में चंद्र दर्शन मनवांछित फल प्रदान करता है। इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर को मौसम अनुकूल रहने पर चन्द्रोदय 8.07 मिनट पर होगा। ज्योतिष अनीष व्यास के अनुसार करवा चौथ पर इस बार 5 साल बाद करवा चौथ व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में किए जाने का विशेष योग बना है। इसके अलावा रविवार को यह व्रत होने से भी इस सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी इस व्रत पर पड़ेगा। धार्मिक दृष्टि से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं और माना जाता है कि चंद्र दर्शन से मनोकामना पूर्ण होती है। करवा चौथ को लेकर मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें सीधे नहीं देखी जाती हैं, उसके मध्य किसी पात्र या छलनी द्वारा देखने की परंपरा है क्योंकि चंद्रमा की किरणें अपनी कलाओं में विशेष प्रभावी रहती हैं।
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करवा चौथ पूजन मुहूर्त

करवा चौथ तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर को सुबह 3.01 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर सुबह 5.43 मिनट पर

करवा चौथ व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5.43 मिनट से 6.59 मिनट तक
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बाजार को उम्मीद
करवा चौथ से बाजार को भी बड़ी उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि दीपावली से पहले पडऩे वाले करवा चौथ

से ही बाजार की रौनक लौट सकती है। इस दिन महिलाओं के लिए शॉपिंग की जाती है। उन्हें सोने के आभूषण भेंट किए जाते हैं।

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