पश्चिमी राजस्थान में प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की संस्थाओं का पहली बार कृषि विकास के लिए एमओयू हुआ है। कैयर्न थार में रोजगार, समृद्धि, हरियाली और लोगों के जीवन में गुणवत्ता सुधार के लिए काम करेगी।
कैयर्न का उद्देश्य यह है कि किसान शुष्क क्षेत्र में कृषि विज्ञान और तकनीक से प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर सकें। कैयर्न इण्डिया लिमिटेड वेदान्ता सीएसआर के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल और डीजीएम कैयर्न राजस्थान शास्वत कुलश्रेष्ठ ने बताया कि बुनियादी तौर पर थार में कृषि विकास के लिए प्रयोग, ढांचा बनाने के लिए जो कोस्ट लगेगी वो कैयर्न इंडिया फाउंडेशन वहन करेगा।
स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में आएगा सुधार 4 साल पहले भारत सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के लिए कॉर्पोरेट रिर्सोसेज रेंसोलिबिलिटी के तहत एक एडिशनल एक्टिविटी जोड़ते हुए कहा है प्राइवेट सेक्टर द्वारा जिस जगह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर बिजनेस में लाभ अर्जित कर रहे हैं। कॉर्पोरेट रिर्सोसेज रेसपोंसिबिलिटी के तहत आय का कुछ हिस्सा वहां की सोसायटी के लिए भी खर्च करें।
बाड़मेर जिले में ऑयल गैस के प्लान्ट है। वहां सीएसआर प्रोग्राम के तहत स्थानीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, कृषि विकास, रोजगार सृजन शिक्षा, चिकित्सा, कौशलता आदि कार्यों के संचालन में एमओयू के बाद तेजी आएगी।
काजरी की 22 तकनीक आएगी काम सीएसआर के कंसल्टेंट भानु प्रताप सिंह बताया कि पिछले 4 साल से कैयर्न तेल व गैस उत्खन्न के अलावा हार्टीकल्चर फॉर्मिंग में काम कर रही है। काजरी निदेशक डॉ. ओपी यादव ने कहा कि संस्थान की 22 तकनीकियों के उपयोग से थार के बाशिंदों को लाभ मिलेगा। कार्यक्रम समन्वयक और विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप जैन ने बताया कि सौर उर्जा चलित उपकरणों, कृषि यंत्र उपकरण भी प्रदान की जाएगी।
फैक्ट फाइल – 700 किसानों के यहां हार्टीकल्चर फॉर्मिंग के तहत लगाई बाड़ी – 430 खड़ीन और 4 नाडियों में किया जल संरक्षण – 10 लाख घट मीटर में वॉटर हार्वेस्ट