अफ्रीकी दालों पर काम करेगा कृषि विश्वविद्यालय
– विवि को अन्तरराष्ट्रीय क्रिक हाउस ट्रस्ट से मिला प्रोजेक्ट- प्रोजेक्ट के तहत दोनो देश अप्रचलित दालों की फसलों व उनकी किस्मों पर करेंगे शोध – कुल्थी, सेमफ ली, चंवला सहित 5 दालों पर होगा काम
अफ्रीकी दालों पर काम करेगा कृषि विश्वविद्यालय
जोधपुर।
दुनिया के गरीब देशों में फैली भूखमरी, कुपोषण आदि से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों में अन्य देशों, उच्च शोध संस्थाओं के साथ जोधपुर का कृषि विश्वविद्यालय भी योगदान दे रहा है। कृषि विश्वविद्यालय को पौषक तत्वों से भरपूर अप्रचलित दालों (ऑर्फन लेग्यूम्स) की फसलों के लिए कार्य करने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिक हाउस ट्रस्ट (लंदन) की ओर से प्रोजेक्ट दिया गया है। प्रोजेक्ट के तहत कृषि विश्वविद्यालय व अफ्रीका अप्रचलित दालों पर शोध कर रहे है।
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कुल्थी-सेमफली सहित 5 दालें शामिल
प्रोजेक्ट के तहत कृषि विवि में कुल्थी, सेमपली, चंवला, मूंग व मोठ पर काम किया जा रहा है। विवि के शोध फॉर्म पर पांचों फसलों की 50-50 लाइनों में करीब 250 किस्में लगाई गई है। इन दालों में प्रोटीन सहित अन्य पोषक तत्वों की अधिकता होने व कम प्रचलन में होने के कारण इनको चुना गया है।
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किस्मों का आदान-प्रदान होगा
प्रोजेक्ट के तहत कृषि विश्वविद्यालय इन तैयार फसलों की उन्नत किस्मों को अफ्रीका को शोध के लिए दी जाएगी। वहीं अफ्रीका की प्रमुख अप्रचलित दालों की किस्में विवि को प्रदान की जाएगी। दोनों देशों में आदान-प्रदान की गई किस्मों के शोध के बाद श्रेष्ठ व अच्छा परिणाम देने वाली किस्म को किसानों को उपलब्ध कराइ जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत शुरुआती दिनों में ही इन फसलों के अच्छे परिणाम आए है।
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इसलिए कृषि विवि को मिला प्रोजेक्ट
देश में ऑर्फन लेग्यूम्स पर शोध के लिए यह प्रोजेक्ट केवल कृषि विवि को ही मिला है। अफ्रीकी देशों में कम पानी, तेज गर्मी, रेगिस्तानी मिट्टी की स्थिति व जलवायु मारवाड़ की जलवायु के लगभग समान ही है। क्रिक हाउस टीम की ओर से किए गए अध्ययन के बाद अफ्रीकी देशों की जलवायु के अनुकूल स्थितियां मारवाड़ में पाइ गई। इसके बाद यह प्रोजेक्ट कृषि विवि को मिला। विवि को 5 साल के लिए है। विवि को अभी तक 11 लाख रुपए का फण्ड मिला है।
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अप्रचलित दालों पर शोध के लिए कृषि विश्वविद्यालय को अन्तरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट मिलना गर्व की बात है। अनुभवी व युवा वैज्ञानिकों की टीम सतत् कार्य कर रही है और शुरुआती परिणाम अच्छे आए है।
डॉ बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विवि, जोधपुर।
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प्रोजेक्ट मिलने के बाद अभी तक हुए कार्य में सफलता मिली है। आगे भी अच्छे परिणाम के लिए हम शोध में जुटे हुए है।
डॉ ममता नेहरा, प्रोजेक्ट इन्वेस्टिगेटर
कृषि विवि जोधपुर
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