पिछले साल केवल 4 फीसदी का ही टारगेट पूरा
वर्ष 2017-18 में 140 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ, जबकि देशभर में जरुरत 300 करोड़ लीटर एथेनॉल की थी। ऐसे में पिछले साल केवल 4 फीसदी तक ही पेट्रोल मिश्रित एथेनॉल बेचा गया। वर्ष 2017 में तो केवल 2.1 फीसदी पेट्रोल मिश्रित एथेनॉल बेचना पड़ा। एक करोड़ लीटर एथेनॉल 20 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकता है यानी ग्लोबल वार्मिंग और वायु प्रदूषण को कम करता है। ब्राजील और अमरीका जैसे देशों में पेट्रोल के साथ 25 फीसदी तक एथेनॉल मिलाया जाता है।
ब्यूटेनॉल का विकल्प भी रखें देश की तीनों सरकारी तेल कम्पनियों ही एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने के लिए बाध्य है। निजी कम्पनी रिलायंस और एस्सार के लिए यह बाध्यता नहीं है। एथेनॉल में पानी के साथ मिश्रण की प्रवृत्ति पाई जाती है। ऐसे में टैंक में थोड़ी सी नमी रहने पर एथेनॉल इसकी सोखकर पेट्रोल के साथ अलग परत बना लेता है। यह इंजन को थोड़ा सा नुकसान और उसकी कार्यक्षमता भी प्रभावित करता है। अमरीका जैसे कई देश इससे बचने के लिए ब्यूटेनॉल (चार कार्बन परमाणु युक्त हाइड्रोक्सिल समूह) का प्रयोग कर रहा है।
देश में एथेनॉल का उत्पादन वर्ष ——–उत्पादन (करोड़ लीटर में) 2017 ——–140 2016 ——–66.5 2015 ——–111 2013 ——–38 एथेनॉल की शुरुआत
– 2003 में देश में पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिलाने को मिली छूट
– 10 फीसदी तक वर्तमान में एथेनॉल मिला सकते हैं पेट्रोल में – 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने की योजना है भारत सरकार की – 25 फीसदी तक एथेनॉल मिलाते हैं ब्राजील, अमरीका जैसे देश
– 25 रुपए प्रति लीटर पड़ती है एक लीटर पेट्रोल की कीमत – 36.25 रुपए प्रति लीटर पड़ता है एथेनॉल – 49.50 रुपए प्रति लीटर एथेनॉल की कीमत किसानों को देती है सरकार
एथेनॉल की जरुरत
– 300 करोड़ लीटर एथेनॉल की वर्तमान में है जरुरत – 150 करोड़ लीटर का ही हो रहा है उत्पादन – 20000 टन कार्बन उत्सर्जन कम करता है एक करोड़ लीटर एथेनॉल
– 62 एमएमटी म्यूनसिपल सॉलिड वेस्ट देश भर में होता है एक साल में जो एथेनॉल में बदल सकता है – 1000 अरब रुपए का कृषि अपशिष्ट देश में हो जाता है नष्ट
– 244 करोड़ का खाद्यान्न हर रोज हो रहा है नष्ट जो पूरे अमरीका का एक दिन का भोजन है अभी एथेनॉल बंद है जोधपुर में वर्तमान में एथेनॉल बंद है। हम केवल पेट्रोल की ही आपूर्ति करते हैं। एथेनॉल की आपूर्ति होने पर इसे पेट्रोल में मिश्रित करके फिर से बेचा जाएगा।
आर कुमार, महाप्रबंधक, इंडियल ऑयल सालावास टर्मिनल