पढ़ाना ही नहीं, पोषाहार और प्रबंधन भी इनकी जिम्मेदारी इन स्कूलों में एक अध्यापक के भरोसे कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ स्कूल के प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी भी है। इसके अलावा पोषाहार पर सरकार का ज्यादा जोर रहता है। स्कूल में पोषाहार समय पर सही तरीके से मिले वह काम भी इन्हीं शिक्षकों को करना है।
जोधपुर के 315 स्कूलों में एक शिक्षक जोधपुर जिले में 315 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे हैं। सबसे ज्यादा ऐसे स्कूल बाप पंचायत समिति के हैं। यहां 75 स्कूल एक अध्यापक के जिम्मे हैं। इसके अलावा तिंवरी ब्लॉक के 12, शेरगढ़ के 28, सेखाला के 19, पीपाड़ शहर के तीन, फलोदी के 37, ओसियां के 23, मंडोर के 8, लूणी के 11, लोहावट के 17, जोधपुर शहर के 13, देचू के 17, बिलाड़ा के 5, भोपालगढ़ के 7, बापिनी के 22, बालेसर के 13 और बावड़ी के पांच स्कूल शामिल हैं।
सरकार चाहे तो हर स्कूल को मिल सकते हैं 5 शिक्षक प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन 1 लाख 5 हजार 379 स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन पर कुल 4 लाख 97 हजार 300 शिक्षक हैं। सरकार चाहे तो आंकड़ों के अनुसार हर स्कूल को पांच-पांच शिक्षक मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। 7689 स्कूलों में जहां एक-एक शिक्षक है, वहीं बाकी शिक्षक 97690 स्कूलों में लगे हैं। ज्यादार उन स्कूलों में एक-एक शिक्षक हैं, जो दूरदराज हैं।