कौंसिल के सदस्य जीडी बंसल की याचिका पर एकलपीठ में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई, लेकिन समयाभाव के चलते अधूरी रही। मंगलवार को सुनवाई जारी रहेगी। बीसीआइ के चेयरमैन मननकुमार मिश्रा ने कुछ सदस्यों द्वारा 17 अगस्त को पारित प्रस्तावों को अप्रभावी घोषित करते हुए कौंसिल सचिव व सदस्यों को ऐसी कार्यवाही को कोई भी प्रभाव देने से रोक दिया था।
बीसीआइ चेयरमैन ने अपने आदेश में कहा था कि चिरंजीलाल सैनी बीसीआर के चेयरमैन बने रहेंगे। बीसीआइ चेयरमैन के आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता विकास बालिया ने इसकी वैधानिकता पर सवाल उठाए, जिसके जवाब में कौंसिल के चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी के अधिवक्ता ने बहस की।
दरअसल, 17 अगस्त को पंद्रह सदस्यों ने बैठक स्थगित होने के बाद चेयरमैन पद पर सैयद शाहिद हसन तथा वाइस चेयरमैन पद पर रतनसिंह राव को निर्वाचित करने की घोषणा कर दी। इसे अवैधानिक बताते हुए सैनी ने बीसीआइ में निगरानी याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद बीसीआइ चेयरमैन मिश्रा ने बहुमत प्राप्त सदस्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को विधि सम्मत नहीं माना था। अब इस आदेश को ही हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।