मैली साड़ी में थी इन्द्रा गत दिनों एटीएस के आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ को पुख्ता सूचना मिली कि वह देवास जिले में है। एटीएस ने फिर उसकी तलाश शुरू की और सादे वस्त्रों में शुक्रवार देर शाम देवास में नर्मदा किनारे पाराशर नामक व्यक्ति के किराए के कमरे पर पहुंची। वहां इन्द्रा फटी-मैली साड़ी में थी। एटीएस ने उसे घेरकर कहा, माता.. चलो साथ। समझ गई कि वह पुलिस से घिर गई है। बोली, हां चलती हूं.. आखिर कब तक भागूंगी। एटीएस उसे देवास के नेमावर पुलिस स्टेशन ले गई, जहां से दो महिला सिपाहियों के साथ उसे ले जोधपुर के लिए रवाना हुई।
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पूजा में रहती थी व्यस्त जोधपुर से फरार होने के बाद इन्द्रा बिश्नोई मध्यप्रदेश के देवास जिले पहुंची, जहां उसने अपना नाम गीतादेवी रखा। वह परिवार से दूर पाराशर नामक व्यक्ति के देवास स्थित किराए के कमरे में अकेले ही रहने लगी। वह वहां पूजा-पाठ में व्यस्त रहती थी। हरदा व ओंकारेश्वर भी आती-जाती थी। उसने फरारी के साढ़े पांच साल देवास के आसपास ही निकाले। कुछ आश्रमों में भी आना-जाना था।
सीबीआई रही विफल भंवरी प्रकरण में सीबीआई अब तक बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा, तत्कालीन विधायक मलखान सिंह बिश्नोई व उसके भाई परसराम बिश्नोई सहित सोलह आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन्द्रा की तलाश में सीबीआई ने कई बार और कई जगह दबिश दी लेकिन उसे नहीं पकड़ पाई। वह देवास व आसपास के क्षेत्र में रह रही थी लेकिन सीबीआई सुराग नहीं लगा पाई।
भंवरी देवी प्रकरण: भगोड़ी इंद्रा को सात दिन की रिमांड, बोलीं.. जान को है खतरा रही आराम से पत्रकारों से इन्द्रा ने कहा, फरारी के दौरान वह नर्मदा किनारे आराम से रही। पकड़े जाने से एक दिन पहले ही उसे अनहोनी की आशंका हुई थी। वह ओंकारेश्वर जाने वाली थी लेकिन एटीएस ने पकड़ लिया।