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जोधपुर

महिलाओं के हक में सेंधमारी

– नहीं हो रहा जीपीएफ राशि का भुगतान
– विधवा व सेवानिवृत्त महिलाएं बकाया जीपीएफ राशि के लिए काट रही चक्कर
– प्रदेश में हज़ारों मामले

जोधपुरApr 20, 2021 / 08:35 pm

Amit Dave

महिलाओं के हक में सेंधमारी

महिलाओं के हक में सेंधमारी

जोधपुर।

महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर चाहे कितने ही लम्बे-चौड़े दावे करे परन्तु जमीनी हकीकत यह है कि निचले स्तर के अधिकारी सरकारी आदेशों की पालना नहीं करते है। आरएससी के जवान राजकीय सेवा में रहते हुए मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम देश व अन्य स्थानों पर तैनात रहते है व उनके वेतन का भुगतान राजस्थान सरकार द्वारा किया जाता हैं। कई जवानों का राजकीय सेवा में रहते हुए निधन हो जाने पर उनके परिवार को सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) का पूरा भुगतान तक नहीं मिला है। जिन कर्मचारियों का निधन हो गया उनके परिवार की महिलाओं को जीए55ए के लिए चक्कर काटने पड़ रहे है । सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ कि प्रदेश में ऐसी हजारों महिलाएं अपने हक की राशि के लिए जीपीएफ कार्यालयों के चक्कर लगा रही है।

संपर्क पोर्टल पर भी देते है गलत जवाब

पीडि़त महिलाओं द्वारा जीपीएफ की बकाया राशि की राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने पर विभाग द्वारा राजस्थान संपर्क में गलत जवाब देकर महिलाओं से मूल वांछित दस्तावेजों की मांग की जाती है, जबकि सभी दस्तावेेज उनके कार्यालय मे उपलब्ध होते है।

प्रकरण 1

दौलत सिंह कम्पनी कमाण्डर आरएससी जोधपुर से 31 मार्च 1998 को सेवानिवृत हुए व 28 अप्रेल 2016 को उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी सुगनकंवर ने अपने पति के जीपीएफ दस्तावेज जीपीएफ कार्यालय से प्राप्त करके उनकी जांच कराई। तो उन्हें पता चला कि उनके पति को सेवानिवृति कम भुगतान मिला, जिसकी ब्याज सहित मार्च 19 तक राशि 92 हजार रुपए हो चुकी है। उन्होंने मई 2019 में बकाया राशि का दावा प्रस्तुत कर दिया, इसके बावजूद विभाग ने उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया।

प्रकरण 2

तुलसीसिंह कम्पनी कमाण्डर आरएससी जोधपुर से 30 नवम्बर 2001 को सेवानिवृत हुए, 19 जनवरी 2002 को उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी गीता देवी ने अपने पति के जीपीएफ दस्तावेज जीपीएफ कार्यालय से प्राप्त कर जांच कराई, तो पाया कि उनके पति को सेवानिवृति पर कम भुगतान की ब्याज सहित राशि मार्च 2019 तक 26 हजार रुपए हो चुकी है। उन्होंने जनवरी 2020 में बकाया राशि का दावा प्रस्तुत किया। उसके बाद भी संयुक्त निदेशक कार्यालय जीपीएफ जोधपुर से उनको बकाया राशि का भुगतान नहीं मिला।

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