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जोधपुर स्थापना दिवस- पत्थरों का शहर जोधपुर बना ‘एजुकेशन हब’

563वां स्थापना दिवस

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जोधपुर स्थापना दिवस- पत्थरों का शहर जोधपुर बना 'एजुकेशन हब'

जोधपुर स्थापना दिवस- पत्थरों का शहर जोधपुर बना 'एजुकेशन हब'

जोधपुर. सूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है, १५वी शताब्दी का विशालकाय मेहरानगढ़ दुर्ग, पथरीली चट्टान पहाड़ी पर, मैदान से १२५ मीटर ऊंचाई पर विद्यमान है। आठ द्वारों व अनगिनत बुजों से युक्त यह शहर दस किलोमीटर लंबी ऊंची दीवार से घिरा है।

१६वीं शताब्दी का मुख्य व्यापार केन्द्र, किलों का शहर जोधपुर, अब राजस्थान का दूसरा विशालतम शहर है। पूरे शहर में बिखरे वैभवशाली महल, किले और मंदिर, एक तरफ जहां ऐतिहासिक गौरव को जीवंत करते हैं वही दूसरी ओर उत्कृष्ट हस्तकलाएं लोक नृत्य, संगीत और प्रफुल्ल लोग शहर में रंगीन समां बांध देते हैं।

'एजुकेशन हब' बन रहा शहर
जोधपुर शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत आगे निकल आया है। दूर-दूर से विद्यार्थी यहां पढ़ने के लिए आते है। जोधपुर को सीए कि खान कहा जाता है। पूरे भारत में सबसे ज्यादा सीए यहीं से निकलते है। शिक्षा के लिये यहां पर विकल्प मौजूद है। यहाँ विश्व प्रसिद्ध आईआईटी , नेशनल लो युनिवर्सिटी, एम्स, काजरी , आफरी आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय स्थित है। इनके अलावा जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय हैं। तथा साथ ही बालिकाओं के लिए भी कॉलेज है। जोधपुर में लगभग हर गांव में विद्यालय है।