– पानी नहीं आने की शिकायत पर जब अधिकारी फोन कर रहे हैं तो सामने से जवाब आ रहा है कि पानी तो आ रहा है लेकिन गंदा व दूषित पानी है उसे ठीक करवा दीजिए।
– स्थानांतरण प्रकरण पर जब रिपोर्ट ली जा रही है तो कई लोग कारण बीमारी बता रहे हैं।
– जहां बिजली नहीं पहुंचने की समस्या बताई वहां कम वोल्टेज की हकीकत सामने आई।
जिस विभाग से संबंधित शिकायत है उसके एक्सईएन स्तर के अधिकारी को फॉर्मेट भरकर भेजना है। इसकी जांच पहले जिला प्रशासन और उसके बाद सीएमओ में होगी। यदि उक्त समस्या के प्रति शिकायतकर्ता ने पुन: शिकायत कर दी उस अधिकारी के खिलाफ जांच भी हो सकती है।
आमजन की समस्याओं के प्रति इतनी सजगता यदि आम दिनों में भी होती तो अच्छा होता। सीएम और मंत्रियों को ऐसी जनुसनवाइयों की जरूरत ही नहीं पड़ती। छोटे कार्यालयों पर भी आमजन की जनसुनवाई हो जाए तो लोगों को इतनी लम्बी कतारों में न खड़ा रहना पड़े। खैर…। जो भी है लेकिन जनता तो यही बात दोहरा रही है कि ऐसी जनसुनवाई होती रहनी चाहिए।
– 2 दिवसीय दौरे पर 2204 ज्ञापन व शिकायतें।
– 1 दिवसीय दौरे पर 300 से ज्यादा अन्य शिकायतें
– 4 दिन से लिया जा रहा फीडबैक। इनका कहना…
जनसुनवाई पर जो शिकायतें मिली थी उन पर रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं। 22 सौ से ज्यादा शिकायतें मिली थी। सभी को फॉर्मेट भी जारी किया है।
– एम.एल नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम, जोधपुर
विधानसभा क्षेत्र जोधपुर शहर के मधुबन हाउसिंग बोर्ड एरिया में पिछले सात दिनों से पीने के लिए पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। स्थानीय निवासी मांगीलाल बूडिय़ा ने बताया कि पेयजल सप्लाई नहीं होने से महंगे दामों में पानी का टैंकर मंगवाना पड़ रहा है। दीपावली के त्योहार पर घरों में सफाई व रंगाई के लिए पानी की जरूरत होती है। दूसरी ओर पीने के पानी के लिए बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को शिकायत भी की है।