दरअसल, जयपुर की पुलिस अकादमी में बुधवार को प्रदेश स्तरीय संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें राज्य के सभी जिलों के नवपदोन्नत हेड कांस्टेबलों को दो-दो परिजन के साथ शामिल होने का फरमान जारी किया गया था। मुख्यमंत्री के सामने भीड़ जुटाने के लिए जयपुर जाने व आने का तीनों का खर्चा भी हेड कांस्टेबल के कंधों पर लाद दिया गया। उन्हें न तो कोई किराया ना ही कोई भत्ता मिलेगा। हेड कांस्टेबलों का कहना है कि जयपुर जाने व आने के लिए प्रत्येक सिपाही से तीन-तीन सौ रुपए लिए गए हैं।
१७१ हेड कांस्टेबल व परिजन पहुंचे संवाद में
हाल ही में जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में १८५ कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बने हैं। इन सभी को संवाद कार्यक्रम में मौजूद रहने के आदेश थे, लेकिन जोधपुर से करीब १७१ हेड कांस्टेबल व दो-दो परिजन जयपुर के लिए रवाना हुए। इसके लिए पांच वाहनों की व्यवस्था भी की गई। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) गगनदीप सिंगला का कहना है कि कार्यक्रम में करीब १७१ हेड कांस्टेबल गए हैं। बीमार व अन्य कारणों से कुछ हेड कांस्टेबल जा नहीं पाए। सभी स्वयं के खर्चे पर गए हैं। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) कैलाश सिंह सांदू का कहना है कि कुल १८५ कांस्टेबल पदोन्नत हुए हैं। इनमें से ८ सेवानिवृत्त हो गए। छह हेड कांस्टेबल जयपुर नहीं जा पाए। ३६ हेड कांस्टेबल स्वयं के वाहनों से जयपुर गए। वहीं, १३५ जवान व ९८ परिजन पुलिस के वाहन से जयपुर पहुंचे।