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जोधपुर

बैंक के नियमों के मक्कडज़ाल में उलझे ग्रामीण

भोपालगढ़. भारतीय स्टेट बैंक की भोपालगढ़ शाखा में जहां एक ओर अलग-अलग नियम-कायदों की वजह से ग्रामीण उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जोधपुरMay 05, 2019 / 12:21 am

Manish kumar Panwar

Consumers are facing huge problems

बैंक के नियमों के मक्कडज़ाल में उलझे ग्रामीण

भोपालगढ़. भारतीय स्टेट बैंक की भोपालगढ़ शाखा में जहां एक ओर अलग-अलग नियम-कायदों की वजह से ग्रामीण उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें नियमों की आड़ में कभी बैंक शाखा तो कभी बैंक के ई-मित्र कियोस्क के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर इन दिनों एसबीआई के बैंककर्मियों का रुखा व्यवहार भी कस्बे में चर्चा का विषय है और बैंक के कर्मचारियों के व्यवहार से भी लोगों को दिक्कतें हो रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की भोपालगढ़ शाखा में लोगों की परेशानियों के मामले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं और इसके कई उदाहरण सामने आने लगे है। लेकिन गत सोमवार को तो उस समय हद ही हो गई। जब एक खाताधारक को करीब आधे घंटे तक कतार में खड़े रहने के बाद यह कहकर बैरंग ही लौटा दिया गया, कि 20000 रुपए से कम की राशि बैंक शाखा में न तो खुद के खाते में जमा करा सकते हैं और न ही किसी को ट्रांसफर कर सकते हैं। यानि २० हजार से कम की राशि जमा कराने तथा १० हजार से कम की राशि की निकासी के लिए बैंक के ई-मित्र कियोस्क पर ही जाना पड़ेगा। इस बात को लेकर बैंक के मैनेजर व उपभोक्ता के बीच नियमों को लेकर हुई रार आखिरकार पुलिस तक जा पहुंची है। जबकि बैंक के कस्टरमर केयर का ही कहना है, कि बैंक का ऐसा कोई प्रावधान नही है, कि कोई उपभोक्ता या खाताधारक किसी दूसरे खाते में पैसे जमा नही करवा सकता है।
हुआ यूं कि क्षेत्र के नाड़सर गांव निवासी गणपतराम मेघवाल को गत सोमवार को अपने किसी मित्र के एसबीआई बैंक खाते में 13000 रुपए जमा करवाने थे। इसके लिए उन्होंने अपनी दुकान में काम कर रहे सुमेर को पैसे देकर एसबीआई बैंक की भोपालगढ़ शाखा में भेजा। वहां पहुंचने पर ग्राहकों की भीड़ क ेचलते सुमेर करीब 30 मिनट तक कैशियर के सामने कतार में खड़ा रहा और जब उसकी बारी आई, तो उसे यह कहकर काउंटर से हटा दिया कि 20 हजार से कम की राशि बैंक में जमा नहीं करवा सकते। इसके लिए आपको बैंक से जुड़े ई-मित्र कियोस्क पर जाना पड़ेगा। आखिरकर मजबूर होकर उसे बैंक से जुड़े ई-मित्र पर 100 रुपए अतिरिक्त देकर अपने दोस्त के खाते में १३ हजार रुपए पैसे जमा करवाने पड़े। लेकिन उसे अफसोस तो उस समय हुआ, जब एसबीआई के कस्टमर केयर के नम्बर पर कॉल करके इस नियम के बारे में पूछा, तो वहां से उसे बताया गया कि किसी भी बैंक शाखा में ऐसा कोई नियम या प्रावधान नहीं है।
पुलिस तक पहुंचा मामला
इस बात से आहत गणपतराम मेघवाल ने यह मामला सोशल मिडिया पर उठाते हुए बैंक कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए। लेकिन यह बात एसबीआई बैंक के भोपालगढ़ शाखा प्रबंधक को इतनी नागवार लगी, कि उन्होंने गणपतराम को माफी मांगने के लिए कहा और ऐसा नहीं करने पर पुलिस थाने में शिकायत करवा दी। जिसके बाद गणपतराम ने भी बैंक मैनेजर के खिलाफ जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने की रपट दे डाली।
ग्रामीण भी हैं परेशान
गणपतराम द्वारा यह मामला सोशल मिडिया पर उठाने के बाद तो बैंककर्मियों के व्यवहार को लेकर शिकायत करने वालेां की कतार सी लग गई। यहां तक कि हर कोई एसबीआई बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने लगा है और इनके लोगों के प्रति व्यवहार की निंदा की जा रही है। लोगों का कहना है कि यहां बैंक में कर्मचारियों की मनमर्जी से काम होता है और आमजन के प्रति इनका व्यवहार कत्तई उचित नही कहा जा सकता है। जिसके चलते ज्यादातर उपभोक्ता इनसे परेशान हो चुके हैं।

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