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जोधपुर

न्यायालय के इस आदेश के बाद अब कुरजां कहेंगे – पधारो म्हारे मरुधर देस, राजस्थान पत्रिका की खबर ने दिखाया असर

राजस्थान पत्रिका की खबर पर न्यायालय ने लिया था प्रसंज्ञान
 

जोधपुरJan 04, 2018 / 12:23 pm

Nandkishor Sharma

safety measures for kurjan

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जोधपुर . शीतकाल में ६ माह के प्रवास के लिए थार मरुस्थल में बसे जोधपुर जिले के खींचन में आने वाले डेमोसिल क्रेन कुरजां अब देश विदेश के पर्यटकों को मरुधर आने का संदेश देगी। राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार वनविभाग ने कुरजां चुग्गाघर के आसपास की करीब १०७६ बीघा जमीन को अधिगृहित कर कंजर्वेशन रिजर्व घोषित करने की तैयारियां पूरी कर ली है। इसके लिए संबंधित विभागों व ग्राम पंचायतों से एनओसी प्राप्त कर ली गई है। न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक के मार्फत राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने राजस्थान पत्रिका में ६ दिसम्बर 2016 को कुरजां पर प्रमुखता से कुरजां कैवे कींकर आवां म्हे थारे देस… शीर्षक से प्रकाशित खबर पर प्रसंज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश जारी किए थे। पत्रिका में प्रकाशित समाचार में खींचन में प्रवासी पक्षी कुरजां की शरण स्थली के पास अनियंत्रित पर्यटक, चुग्गा घर के पास ही झूलते विद्युत तार और अवैज्ञानिक प्रबंधन आदि समस्याओं को विस्तार से प्रकाशित किया था।
समाचार प्रकाशित होने के दूसरे ही दिन न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेकर राज्य सरकार को हाईटेंशन इलेक्ट्रिक पोल हटाने के निर्देश दिए थे। एएजी राजेश पंवार ने जस्टिस गोविंद माथुर की खंडपीठ में पालना रिपोर्ट पेश की। हाइकोर्ट ने अप्रेल २०१७ में राज्य के मुख्य सचिव के नाम से निर्देश जारी कर संबंधित अधिकारियों से मीटिंग कर कुरजां की सुख सुविधा व चुग्गास्थल के ऊपर से निकलने वाली इलेक्ट्रिक लाइन्स को हटाने के निर्देश दिये थे।
कहां कितनी जमीन


कुरजां सहित विभिन्न पक्षियों और वन्यजीवों को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने खसरा संख्या १७० में ४०० बीघा, १४६ में २३३.१८ बिस्वा, १८९ में ७९.१८, १४५ में ३१.१३, १८६ में ३९.०७, १८८ में २५.१८, १५१/२ में २४७.१४, १५६ में २.२, १५४ में १२.१०, १५३/४९५ में ३.०६ सहित कुल १०७६ बीघा जमीन के लिए एनओसी प्राप्त कर ली गई है।
रोजगार के हजारों अवसर बढ़ेंगे

न्यायालय निर्देशों की पालना में विशेषज्ञ समिति के निर्णय अनुसार कुरजां पक्षियों के आश्रय स्थल खींचन में कंजर्वेशन रिजर्व के लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है। कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने के बाद क्षेत्र में कुरजां सहित अन्य सभी वन्यजीवों और पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। व्यवस्थाएं सुदृढ़ होने के साथ वनविभाग की कार्ययोजना बनने पर इॅको टूरिज्म बढऩे क्षेत्र में रोजगार के हजारों अवसर मिलेंगे।

आरएस शेखावत, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव ) जोधपुर संभाग

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