scriptराहुल गांधी पर टिप्पणी मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी के खिलाफ जोधपुर में मानहानि का केस दायर | Defamation case filed against subramanian swamy in jodhpur court | Patrika News
जोधपुर

राहुल गांधी पर टिप्पणी मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी के खिलाफ जोधपुर में मानहानि का केस दायर

भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ( subramanian swamy ) की ओर से गत शुक्रवार को नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर टिप्पणी को लेकर जोधपुर की एक अदालत ( Jodhpur Court ) में शिकायत पेश की गई है।

जोधपुरJul 09, 2019 / 10:52 am

Harshwardhan bhati

subramanian swamy in jodhpur

राहुल गांधी पर टिप्पणी मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी के खिलाफ जोधपुर में मानहानि का केस दायर

जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ( subramanian swamy ) की ओर से गत शुक्रवार को नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर टिप्पणी को लेकर जोधपुर की एक अदालत ( Jodhpur Court ) में शिकायत पेश की गई है। यूथ कांग्रेस के महासचिव कपिल पुरोहित ने सोमवार को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में आइपीसी की धारा 500, 501(ख), 502 (ख) के तहत एक परिवाद पेश कर स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने का निवेदन किया। कोर्ट ने परिवाद दर्ज कर रिपोर्ट की सुनवाई के लिए दस जुलाई रखी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है,समय दिया जाए: सीबीआइ
अनुसूचित जाति जनजाति की विशेष न्यायालय की पीठासीन अधिकारी अनिमा दाधीच की अदालत में सोमवार को बहुचर्चित भंवरी प्रकरण में सुनवाई शुरू हुई। गत पेशी में सीबीआइ ने अमेरिकी डीएनए एक्सपर्ट अंबर बी-कार को भारत-अमेरिका के बीच हुई संधि के तहत समन भेजने की प्रक्रिया की जानकारी दे कर समय मांगा था लेकिन सोमवार को सीबीआइ के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने फिर से एक आवेदन पेश कर दिया।
आवेदन में यह दलील दी गई कि सीबीआइ हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहती है जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंबर बी-कार के बयान कराने से इनकार कर दिया था। सीबीआइ ने न्यायालय से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने के लिए समय दिया जाए। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी, संजय विश्नोई सहित अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि सीबीआइ का यह नया पैंतरा केवल न्यायालय में सुनवाई टालने के लिए है।
सीबीआइ हर बार सुनवाई को टालने के लिए कुछ न कुछ नया बहाना ले आती है। अधिवक्ताओ ने कहा कि जब सीबीआइ ने पिछली पेशी पर समन जारी करने के लिए समय चाहा था उस समय सुप्रीम कोर्ट जाने की कोई बात नहीं की इसलिए सीबीआइ के इस आवेदन को खारिज किया जाए। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को इस मामले की फिर से सुनवाई का आदेश दिया।
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