scriptचुनावी सीजन में लोगों को खुश करवाने के लिए करवाए सामुदायिक कार्य, अब जेडीए को आ रही छींकें | development works in jodhpur | Patrika News
जोधपुर

चुनावी सीजन में लोगों को खुश करवाने के लिए करवाए सामुदायिक कार्य, अब जेडीए को आ रही छींकें

‘राजनीतिक फायदे’ के सामुदायिक काम बने गलफांस, पुराने भुगतान के साथ नए काम भी अटके

जोधपुरJun 12, 2019 / 10:27 am

Harshwardhan bhati

jda latest news

चुनावी सीजन में लोगों को खुश करवाने के लिए करवाए सामुदायिक कार्य, अब जेडीए को आ रही छींकें

अविनाश केवलिया/जोधपुर. चुनावी सीजन में अलग-अलग समाज के लोगों को खुश करने के लिए करवाए गए सामुदायिक कार्य अब जोधपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन के लिए गलफांस बन गए हैं। गैर राजकीय भूमि पर रोक के बावजूद तत्कालीन अधिकारियों ने स्वीकृतियां जारी कर दी। अब उनके भुगतान के लिए तकाजे हुए तो राज्य सरकार की शरण ली गई है। साथ ही अब किसी भी समाज के कार्य को हाथ लगाने से भी जेडीए प्रशासन बच रहा है। करीब छह साल पहले चुनावी सीजन में एक साथ अलग-अलग समाज के प्रस्ताव आए थे।
अधिकारियों ने इन कार्यों की स्वीकृतियां जारी की और कार्य करवा दिए। इसके बाद सरकार बदली और वे सभी कार्य संदेह के दायरे में आ गए। इनमें से कई प्रकरण एसीबी जांच के दायरे में आ गए। अब कई समाज जब सामुदायिक भवन और अन्य विकास कार्यों के लिए जब जेडीए प्रशासन के पास पहुंच रहे हैं तो उन्हें इनकार किया जा रहा है। क्योंकि छह साल पहले हुए कार्यों का करोड़ों का भुगतान भी अधर में है।
गैर राजकीय भूमि पर हुए कार्य बने परेशान
जेडीए की ओर से जब स्वीकृतियां जारी की गई थी तो कई मानक ताक पर रखे गए। गैर राजकीय भूमि पर कई समाज के भवन और स्वर्गाश्रम में कार्य करवाए गए। टैंडर प्रक्रिया के बाद ठेकेदार ने काम किया, लेकिन अब जब भुगतान की बारी आई तो नियम आड़े आ रहे हैं। विरोध शुरू हुआ तो अब अधिकारियों ने राज्य सरकार से गैर राजकीय भूमि पर हुए कार्यों के भुगतान के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।
अब विकास कार्य रुकने का खतरा

पिछले छह साल से भुगतान अटके होने से अब आगामी विकास कार्यों पर खतरा बना हुआ है। ठेकेदारों की संघर्ष समिति ने भुगतान नहीं होने पर चेतावनी दे दी है। ऐसे में जेडीए प्रशासन अब येन-केन प्रकारेण राजकीय भूमि पर हुए सालों पुराने कार्यों के भुगतान की तैयारी तो कर रहा है, लेकिन गैर राजकीय भूमि को लेकर अब भी संशय है।
एक नजर में पूरा विवाद

– सामुदायिक कार्यों के लिए 5-10 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है।
– गैर राजकीय भूमि पर करीब 100 कार्यों की स्वीकृति होने के कारण मामला गलफांस बन गया।
– ऐसे कार्यों का भुगतान कोई अधिकारी नहीं करना चाहता।
– अब करोड़ों का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार की सहमति मांगी गई है।
एसीबी में भी पड़ी हैं कई फाइलें

यूं तो पिछले छह साल से करीब 30 करोड़ का भुगतान जेडीए को करना है। 450 से ज्यादा फाइलें एसीबी में पड़ी हैं, जिनमें स्वीकृति से अधिक काम होना सामने आया। लेकिन बिना एसीबी की सहमति के यह भुगतान नहीं हो सकता।
इनका कहना…

जो काम गैर राजकीय भूमि पर हुए, उनके लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। जो राजकीय भूमि के कार्य हैं वह अलग मामला है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद भुगतान तो जेडीए स्तर से ही होगा।
– ए.के गुप्ता, निदेशक इंजीनियरिंग, जेडीए जोधपुर
मामला गैर राजकीय भूमि पर काम करवाने का है। कुछ संस्थाओं व समाज की भूमि पर काम हुए उनके भुगतान नहीं हो रहे हैं। पहले जब स्वीकृतियां जारी हुई तब कोई संशय रहा होगा।
– तुलसीदास शर्मा, निदेशक वित्त, जेडीए जोधपुर
सरकार ने उल्टा जेडीए से ही मांग ली जानकारी
दो माह पहले राज्य सरकार के नगरीय विकास विभाग ने जेडीए से गैर राजकीय भूमि पर करवाए गए कार्यों की जानकारी मांग ली। अधिकारियों की परेशानी इससे और बढ़ती जा रही है।
सरकार ने इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी

– जेडीए जोधपुर अधिनियमों में गैर सरकारी भूमि पर कार्य कराए जाने के क्या प्रावधान है ?
– क्या विकास कार्य कार्यकारी समिति से अनुमोदित है ?
– किन-किन वित्तीय नियम, प्राधिकरण अधिनियम, नियमों की अवहेलना हुई है। कार्यवार विवरण प्रस्तुत करें।
– उन परिस्थितियों का उल्लेख करें, जिसके क्रम में नियमों की अवहेलना की गई।
– उन अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई जिनके द्वारा नियमों की अवहेलना हुई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो