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अब फेफड़ों का एक्स-रे देखकर डॉक्टर बता देंगे कोरोना है या नहीं

locationजोधपुरPublished: Jan 29, 2022 06:54:01 pm

– आइआइटी जोधपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से विकसित किया एल्गोरिद्म- 2500 एक्स-रे पर रिसर्च के बाद निकले परिणाम- मरीज को निमोनिया के अलावा फेफड़े के संक्रमित हिस्से भी बता देगा कम्प्यूटर

अब फेफड़ों का एक्स-रे देखकर डॉक्टर बता देंगे कोरोना है या नहीं

अब फेफड़ों का एक्स-रे देखकर डॉक्टर बता देंगे कोरोना है या नहीं

जोधपुर. पिछले दो वर्षों में पूरी दुनिया में फेफड़ों की इतनी एक्स-रे और सीटी-स्कैन कराई गई, जितनी आज तक कभी नहीं हुई। फिर भी डॉक्टर एक्स-रे फिल्म को देखकर मरीज के कोविड या नॉन कोविड के बारे में अब तक नहीं बता सकते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर ने इसी समस्या को देखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीेजेंस (एआई) आधारित ऐसा एल्गोरिदम विकसित किया है जो कोविड-19 फेफड़ों को आसानी से पहचान लेता है। इसके बाद अब डॉक्टर केवल एक्स-रे फिल्म के आधार पर मरीजों की स्क्रीनिंग करके इलाज शुरू कर सकेंगे। आइआइटी जोधपुर ने अश्विनी अस्पताल व रमाकांत हार्ट केयर सेंटर और टेली रेडियोलॉजी सोल्यूशंस के साथ मिलकर 2500 मरीजों के एक्स-रे पर शोध करके एल्गोरिदम विकसित किया है। इसमें कोविड मरीजों और स्वस्थ मरीजों दोनों के एक्स-रे लिए गए। इसका नाम कॉमिट-नेट रखा गया है।
यह अनुसंधान एनएम-सीपीएस डीएसटी के रक्षक प्रोजेक्ट और आइआइटी जोधपुर के आईहब दृष्टि का हिस्सा है। शोध को पेटर्न रिकग्नीशन जर्नल ने प्रकाशित किया है।
कैसे काम करता है कॉमिट-नेट
आइआइटी जोधपुर के कम्प्यूटर साइंस विभाग के शिक्षकों और रिसर्च स्कॉलर्स ने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को एआई की मदद से कोविड-19 युक्त एक्स-रे की पहचान करना सिखाया। अब कॉमिट-नेट स्वस्थ मनुष्य के छाती के एक्स-रे, बीमारी मरीज के एक्स-रे और कोरोना मरीज के एक्स-रे में अंतर कर सकता है। सामान्य बीमार और कोरोना मरीज दोनों के एक्स-रे में फेफड़ों के खराब हिस्से को कॉमिट-नेट चमकीला करके बताता है। सामान्य बीमार मरीज के फेफड़ों के संक्रमित हिस्से वर्गाकार अथवा आयाताकार में अलग से दिखाता है जबकि कोविड-19 के फेफड़े आदिमानव के हथियारनुमा आकृतियों में दिखाता है। ऐसे में डॉक्टर केवल एक्स-रे को स्क्रीन पर देखकर ही कोरोना मरीज की पहचान कर लेगा। वर्तमान में कोरोना की पुख्ता पहचान के लिए डीएनए आधारित आरटी-पीसीआर टेस्ट करते हैं।
निमोनिया भी बताता है सॉफ्ट्वेयर
कॉमिट-नेट किसी व्यक्ति के फेफड़ों का एक्स-रे देखकर उसमें निमोनिया की पहचान करने में भी सक्षम है। अत्यधिक या कम निमोनिया देखकर डॉक्टर उसी अनुसार मरीज का इलाज भी कर सकता है।
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