आइआइटी जोधपुर के कम्प्यूटर साइंस विभाग के शिक्षकों और रिसर्च स्कॉलर्स ने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को एआई की मदद से कोविड-19 युक्त एक्स-रे की पहचान करना सिखाया। अब कॉमिट-नेट स्वस्थ मनुष्य के छाती के एक्स-रे, बीमारी मरीज के एक्स-रे और कोरोना मरीज के एक्स-रे में अंतर कर सकता है। सामान्य बीमार और कोरोना मरीज दोनों के एक्स-रे में फेफड़ों के खराब हिस्से को कॉमिट-नेट चमकीला करके बताता है। सामान्य बीमार मरीज के फेफड़ों के संक्रमित हिस्से वर्गाकार अथवा आयाताकार में अलग से दिखाता है जबकि कोविड-19 के फेफड़े आदिमानव के हथियारनुमा आकृतियों में दिखाता है। ऐसे में डॉक्टर केवल एक्स-रे को स्क्रीन पर देखकर ही कोरोना मरीज की पहचान कर लेगा। वर्तमान में कोरोना की पुख्ता पहचान के लिए डीएनए आधारित आरटी-पीसीआर टेस्ट करते हैं।
कॉमिट-नेट किसी व्यक्ति के फेफड़ों का एक्स-रे देखकर उसमें निमोनिया की पहचान करने में भी सक्षम है। अत्यधिक या कम निमोनिया देखकर डॉक्टर उसी अनुसार मरीज का इलाज भी कर सकता है।