एक साथ २९ प्रसूताआें की हो चुकी है मौत उम्मेद अस्पताल में फरवरी-मार्च २०११ में एक साथ २९ प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। इनमें १६ प्रसूताओं की मौत ऑपरेशन थिएटर व ग्लूकोज में संक्रमण की वजह से हुई। इस मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा था।
प्रतिदिन ७० से ८० डिलीवरी वाले इस अस्पताल में चिकित्साकर्मियों की कमी है, लेकिन डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों के बर्ताव और लापरवाही की वजह से गर्भवती व प्रसूताओं को बहुत परेशानी होती है।
१५० महिलाओं की ओपीडी, प्रसव एक का भी नहीं उम्मेद अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ की वजह से सरकार ने मथुरादास माथुर अस्पताल में जनाना विंग बनाई, लेकिन यह विंग छोटी पड़ रही है। मण्डोर अस्पताल में प्रतिदिन १५० महिलाओं की ओपीडी है, लेकिन लंबे समय से एक भी प्रसव नहीं हो रहा है। सभी महिलाएं प्रसव के लिए या तो उम्मेद अस्पताल आती हैं या जनाना विंग। मण्डोर अस्पताल भी सालभर से मेडिकल कॉलेज के अधीन है। पहले मेडिकल कॉलेज ने यहां प्रसव के लिए डॉ. अशोक नैनवाल को ही लगाया था। डॉ. नैनवाल ने यहां प्रसव शुरू कर के कुछ लोड कम किया, लेकिन कॉलेज ने डॉ. नैनवाल को कुछ दिनों में ही फिर से उम्मेद अस्पताल लगा दिया। मेडिकल कॉलेज का कोई भी डॉक्टर मण्डोर, पावटा, महिला बाग या चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सैटेलाइट अस्पताल जाने में रुचि नहीं लेता है। इसलिए वहां के मरीज उम्मेद अस्पताल पर भार बनते हैं।
यह है मामला शहर के उम्मेद अस्पताल में चलता ऑपरेशन छोड़ थियेटर में ही झगडऩे वाले चिकित्सकों की लापरवाही पर हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान लेते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये हैं। जस्टिस जीके व्यास व जस्टिस मनोज गर्ग की खंडपीठ ने हाईकोर्ट विधिक समिति के उपसचिव धीरेन्द्र शर्मा व प्रेमरतन ओझा के साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास को निर्देश दिए हैं कि पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट दो बजे पेश की जाए।
उल्लेखनीय है कि उम्मेद अस्पताल में एक महिला के सिजेरियन के दौरान एनेस्थेटिक डॉ एमएल टाक व गायनिक डॉ अशोक नैनीवाल के बीच थियेटर में ही भिडन्त हो गई थी। इस दौरान एक महिला का प्रसव होना था जिसका ऑपरेशन चल रहा था। वहीं दूसरी ओर महिला की बच्ची की मौत भी हो गई। दो मामले एक साथ होने के बाद भी उम्मेद अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं हुआ था। जब दोनो चिकित्सको के झगड़े का विडियो वायरल हुआ तो उम्मेद अस्पताल प्रशासन की नींद उड़ी और देर रात अनुशासहीनता पर सरकार ने निर्देश दिए। इसपर एक चिकित्सक को एपीओ किया गया था। आज हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर प्रसंज्ञान लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी है।
जिला कलक्टर रवि सुरपुर हुए पेश उम्मेद अस्पताल के मामले में जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास व जस्टिस मनोज गर्ग की खंड पीठ में कलक्टर रवि सुरपुर पेश हुए। खंड पीठ ने कलक्टर से एक सप्ताह में मामले जांच करने निर्देश दिए। कलक्टर ने मानाराम पटेल की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन भी किया है। इस कमेटी में सीजेएम को भी शामिल किया गया है। इधर खंड पीठ ने मामले में कोर्ट की सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता एम एस सिंघवी को न्यायमित्र नियुक्त किया है। इससे पहले 2 बजे विधिक सहायता समिति के दो मजिस्ट्रेट ने अपने स्तर पर मामले की जांच करते हुए खंड पीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश की। इसके बाद खंड पीठ ने कलक्टर को कोर्ट में तलब किया। देर रात डॉ. नैनवाल बर्खास्त, डॉ.टाक
जयपुर तलब राज्य सरकार ने देर रात मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अशोक नैनवाल को बर्खास्त कर दिया। डॉ. नैनवाल अर्र्जेंट टैम्परेरी बेस पर कार्यरत थे। उधर प्रोफेसर एमएल टाक की फाइल कार्मिक विभाग भेजी गई है। कार्मिक विभाग संभवत: बुधवार को इस सम्बंध में निर्णय लेगा। मेडिकल कॉलेज ने डॉ.नैवाल को रात को ही रिलीव कर दिया। डॉ. टाक को जयपुर तलब किया गया है।