कॅरियर की कौनसी राह उन्होंने कहा कि आम तौर पर बच्चों पर बचपन से ही यह दबाव रहता है कि वे बड़े हो कर क्या बनेंगे? पेरेंट्स और रिश्तेदार कुछ और कहते हैं तो टीचर्स, क्लासमेट और फ्रेंड्स की राय कुछ और ही जुदा होती है। मन कहता है कि यह बनना है और आसपास का माहौल जुदा ही होता है। एेसे में बच्चा हो या युवा,उसके लिए यह तय कर पाना मुश्किल होता है कि उसे अपने कॅरियर की कौनसी राह चुनना चाहिए।
टेंशन हावी नहीं होने दें माधवी गडकरी ने कहा कि इसी तरह शादीशुदा लोग अपने जीवन और घरेलू कलह से परेशान होते हैं। पति पत्नी और सास बहू में टेंशन हो या लोन का टेंशन। कोई किसी कारण से तनाव में है तो कोई झगड़ों से तंग आ गया है। बात चाहे न्यूक्लियर फैमिली की हो या जॉइंट फैमिली की, टेंशन हर जगह नजर आता है। उसे हावी नहीं होने दें।
जिंदगी खुल कर बेधड़क जीएं
उन्होंने कहा कि आजकल जोधपुराइट्स रिजल्ट व परसेंटेज, कॅरियर व महंगाई और कर्ज और तंगहाली को लेकर भी वे दबाव में रहते हैं। तनाव और दबाव में वे गलत कदम उठा लेते हैं। इसलिए तनाव बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। जिन्दगी एक बार मिलती है। उसे एन्जॉय कीजिए। जिंदगी से हार जाना या जिंदगी खत्म करने के बारे में सोचना गलत और अनुचित ही नहीं, बुजदिली है। इसलिए जिंदगी खुल कर बेधड़क जीएं।
लोड न लें, वरना तनाव रहेगा
माधवी गडकरी ने कहा कि आम तौर पर युवाओं के समाने सवाल होता है कि स्कूल और कॉलेज के बाद अब आगे क्या करें? ऐसे कई सवाल आपके मन में भी आते हैं और साथ साथ लोग बार बार पूछते हैं,आप में से कुछ तय कर चुके हैं, लेकिन बहुत से विद्यार्थी कुछ पसोपेश में हैं, इसकी एक वजह है, बहुत सारे विकल्पों की उपलब्धता। इसी तरह हसबैंड वाइफ, सास बहू, रिलेटिव्ज, फ्रेंड्स और आर्थिक तंगी का लोड लेने की वजह से वे तनाव में आते हैं।
प्रॉब्लम नहीं, सॉल्युशन के बारे में सोचें
उन्होंने कहा कि यूथ के पेरेंट्स के ड्रीम और उनका और आपके टीचर्स का आपकी एबिलिटी का एसेसमेंट, आपके फें्रड्स के प्लान हैं तो आजकल कुछ ऑनलाइन / ऑफलाइन टेस्ट भी आपको बताते हैं कि आप यह पढ़ो ,आप इसमें ठीक कर सकोगे..। इसी तरह हसबैंड वाइफ के बीच अगर कोई फ्रैक्शन है तो काउंसलर से मिलना चाहिए। अगर सास बहू में नहीं बनती है तो भी प्रॉब्लम पर नहीं, सॉल्युशन के बारे में सोचें।
उनसे बात करें गडकरी ने कहा कि कहा कि इन सब बातों का एक साथ पूरा-पूरा ध्यान रख कर एकदम परफेक्ट निर्णय करना आसान नहीं होता और थोड़ी बहुत भूल चूक अफसोस और नाराजग़ी भी हो सकती है। यह बहुत सहज बात है। इसलिए…. शांत मन से सोचें ….आपको आपके स्वभाव से मिलता जुलता ,मन को सचमुच भाने वाला और आपकी सतत रुचि , उत्सुकता और उत्साह बढ़ाने वाले काम करने की कोशिश करें, आपके पेरेंट्स, रिलेटिव्ज और फ्रेंड्स आपसे अलग राय रखते हों तो उनसे बात करें।
रास्ता निकल आएगा उन्होंने कहा कि किसी भी तरह केे दबाव या तनाव और भय के मारे, दोस्तों की नकल के मारे कुछ भी कर के पछताने से अच्छा है कि अच्छा सोचें और बड़ों से बात करें, रास्ता निकल आएगा।