लालच पर टिके रिश्तों की पोल खोलता नाटक -अपने अपने दांव
पारिवारिक हास्य नाटक ने जीता दर्शकों का दिल
लालच पर टिके रिश्तों की पोल खोलता नाटक -अपने अपने दांव
जोधपुर. बातपोश संस्था जोधपुर की ओर से टाउन हॉल में पारिवारिक हास्य नाटक ‘अपने अपने दांवÓ का मंचन किया गया। मनोहर सिंह निर्देशित और दया प्रकाश सिन्हा लिखित नाटक वर्तमान समय में लालच और स्वार्थ से पनपती रिश्तों की दूरियों को परिस्थतिजन्य हास्य के माध्यम से दर्शाता है। नाटक की शुरुआत मध्यमवर्ग के एक परिवार से होती है। पति के निधन के बाद भतीजे के परिवार के साथ रहते हुए बुआ दादी की दौलत (सोने की ईंटों भरा बक्सा) पाने के लिए उसका भतीजा, उसकी पत्नी, बेटी और दामाद कई तरह के जाल बुनते हैं। बुआ दादी भी अपने अंत समय तक दौलत का भ्रम बनाकर पूरे परिवार को अपने कहे अनुसार चलने को मजबूर करती है जो कि वास्तव में कभी थी ही नहीं। लगभग डेढ़ घंटे अवधि की प्रस्तुति के दौरान नाटक में मां (शीतल भट्ट), पिता (भरत वैष्णव) ने अपने अभिनय से दर्शकों को खासा प्रभावित किया। वही दूसरी ओर दामाद हरी बाबू (चंदर सिंह भाटी) और बेटी रानी (नैनी जैन) ने अपनी अदाकारी से अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। बुआ दादी के रूप में कृष्णा शर्मा, काके (प्रिंस शर्मा), डब्बू (नितिन सिंह) ने भी अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया। लालची पड़ोसन सुशीला (कोमल सोनी), हलवाई से डॉक्टर सूरमा बने मोहम्मद इमरान और बुआ दादी के वारिस देवर शहंशाह बहादुर के रूप में त्रिलोक गोस्वामी ने दर्शकों को गुदगुदाया। मंच सज्जा जितेन्द्र सिंह वाघेला, चंदर सिंह भाटी, विकास शर्मा, पुलकित शर्मा, प्रिंस गहलोत ने की। रंग दीपन मोहम्मद इमरान, रूप सज्जा भरत वैष्णव व मोहम्मद इमरान, ध्वनि नियंत्रण व सहयोग राजकुमार चौहान का रहा।
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