नशा छिपाने के लिए लेते हैं दवाइयां नशीली दवाइयों के सेवन के बाद किसी तरह की स्मैल मुंह से नहीं आती है। जबकि शराब, गुटखा, सिगेरट के सेवन के बाद स्मैल मुंह में रह जाती है। ऐसे में युवा ज्यादातर नशीली दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। ये नशीली दवाइयां भी शहर के मुख्य बाजार की बजाय शहर के आउटर इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मिलती है। ज्यादातर नशे में कोडिन, मनोचिकित्सा, दर्द निवारक और नींद की गोलियां काम ली जा रही हैं।
इन रूटों में ज्यादा सप्लाई
इन रूटों में ज्यादा सप्लाई
ये दवाइयां राजस्थान में धानेराव, पालनपुर व मेसाणा होते हुए गुढ़ामालानी, सांचौर, लोहावट,
फलोदी, बाप, बीकानेर व गंगानगर आदि इलाकों से पंजाब के लिए सप्लाई हो रही हैं। पुलिस व एनसीबी की कार्रवाई में लिंक इन्हीं इलाकों में सप्लाई होने के सामने आते हैं।
फलोदी, बाप, बीकानेर व गंगानगर आदि इलाकों से पंजाब के लिए सप्लाई हो रही हैं। पुलिस व एनसीबी की कार्रवाई में लिंक इन्हीं इलाकों में सप्लाई होने के सामने आते हैं।
4 गलत डिब्बे रख दुकानदार भुगत रहे जोधपुर में मनोचिकित्सक सेंटर पर सीधे सप्लाई होने वाली दवाइयां जोधपुर की होलसेल फर्मों की दुकान पर मिल रही है। हाल ही में सरदारपुरा स्थित एक फर्म पर 4 डिब्बा दवाइयां मनोविकार केन्द्र पर सीधे मिलने वाली बरामद हुई। ये दवाइयां बिना बिल की थी। जबकि फर्म संचालक को अब तक जेल से जमानत नहीं मिली है।
इनका कहना है…. नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार को लेकर विभाग सतर्क है। समय-समय पर शिकायत मिलते ही कार्रवाई हो रही है। हाल ही में की गई कार्रवाई में नशीली दवाइयों का लिंक भी गुजरात से ही सामने आया था।
– राकेश वर्मा, सहायक औषधि नियंत्रक, जोधपुर