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भोपाल

बदहाली के आंसू रो रही जोधपुर शहर की ये ऐतिहासिक धरोहर…

शहर की हार्टलाइन ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र घंटाघर फिर से अतिक्रमण की जद में है। नगर निगम बार-बार भारी भरकम लवाजमे के साथ अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई करता है और घंटाघर परिसर में रखा सामान जब्त करता है, लेकिन हर बार की तरह अतिक्रमणकारी फिर यहां से काबिज हो जाते हैं।

भोपालJul 09, 2017 / 05:35 pm

pawan pareek

clock tower

clock tower

शहर की हार्टलाइन ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र घंटाघर फिर से अतिक्रमण की जद में है। नगर निगम बार-बार भारी भरकम लवाजमे के साथ अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई करता है और घंटाघर परिसर में रखा सामान जब्त करता है, लेकिन हर बार की तरह अतिक्रमणकारी फिर यहां से काबिज हो जाते हैं। जबकि यहां निगम का ऑफिस भी बना हुआ है। अब तो लगता है कि निगम थक कर हार मान चुका है और कार्रवाई करना ही बंद कर दिया है।
ठेले वालों ने सकड़ी की सड़क

नगर निगम की उदासीनता की वजह से ठेले वाले अतिक्रमण बढ़ा कर घंटाघर की सड़क सकड़ी कर रहे है। अतिक्रमण से सकड़ी हो रही सड़क की ओर न तो निगम और न ही पुलिस ध्यान दे रही है। निगम ने पूर्व में भी कड़ी कार्रवाई कर घंटाघर में दुकानें व हाथ ठेले व्यवस्थित किए थे। निगम ने यहां कर्वस्टोन लगा कर ठेले वालों को निर्धारित स्थान पर ही खड़े रहने के निर्देश दिए थे, मगर समय के साथ ये निर्देश निगम व ठेले वाले दोनों ही भूल चुके हैं। ठेले वालों नेनिर्धारित कर्वस्टोन से बाहर निकल कर सामान सड़क तक फैला दिया है। घंटाघर में निगम का कार्यलय भी संचालित होता है, फिर भी निगम प्रशासन को इसकी जानकारी न होना निगम की कार्यशैली पर सवाल खडे़ करता है। यहां तैनात पुलिसकर्मी भी नो पार्र्किंग में खड़े वाहन हटवा कर यातायात व्यवस्था बनाए रखने की एकतरफा कोशिश कर रहे है। यहां सड़क तक फैले अतिक्रमण की ओर इनका भी ध्यान नही जा रहा।
 देश-विदेश में विशिष्ट पहचान रखने वाले जोधपुर के घंटाघर में घुमते आवारा पशुओं के कारण भी घंटाघर की छवि धूमिल हो रही है। निगम की ओर से नियमित निरीक्षण नही होने के कारण ही अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद है कि अतिक्रमणकारी सड़क पर चार-पांच फीट तक बाहर आ गए। अतिक्रमण से सिकुड़ती हुई सड़क से यहां दिन में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इस कारण यहां से पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
अब नजर नही आते एक जैसे हाथ ठेले व दुकानों के शेड

निगम कभी-कभार कार्रवाई से कर रहा खानापूर्ति घंटाघर की दुकानों व हाथ ठेलों के एक जैसे शेड अब कहीं नजर नही आते। निगम की सख्ती के बाद कुछ दुकानदारों व हाथ ठेले वालों ने एक की तरह के शेड लगाए थे, मगर निगम के ढीले रवैये के कारण अब हर जगह अलग-अलग शेड नजर आने लगे हैं।निगम कभी-कभार कार्रवाई से कर रहा खानापूर्तिनिगम की ओर से ध्यान नही देने के कारण यहां अतिक्रमण बढ़ रहा है। बढ़ते अतिक्रमण के कारण निगम कभी-कभार घंटाघर के अतिक्रमणकारियों को हिदायत दे कर जिम्मेदारियों से आंखें मूंद लेता है।

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