थानाधिकारी अशोक आंजणा के अनुसार मूलत: कुड़ी भगतासनी, हाल बीजेएस निवासी सेवानिवृत्त इंजीनियर विजय पथ पुत्र कैलाश मित्र सक्सेना ने कम समय में राशि दुगुनी होने के सोसाइटी के विज्ञापनों के झांसे में आकर बनाड़ रोड स्थित सोसायटी के ब्रांच मैनेजर रमानी से सम्पर्क किया और सेवानिवृत्ति से प्राप्त पांच लाख रुपए गत ३१ मार्च को संजीवनी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी में टर्म डिपोजिट/एमआइएस रसीद के तहत छह साल के लिए पत्नी लता के नाम जमा करा दिए। ३१ मार्च २०२४ को परिपक्व होने पर उन्हें ११.२५ लाख रुपए मिलने थे। बदले में पत्नी को पॉलिसी बॉण्ड भी दिया गया था। करीब पन्द्रह दिन पहले सेवानिवृत्त इंजीनियर सोसायटी की बनाड़ व पावटा स्थित मुख्य शाखा पर गए तो ताले लगे मिले। गत दिनों समाचार पत्रों में सोसायटी में करोड़ों रुपए के घोटाले और संस्था प्रधान विक्रमसिंह व अन्य के खिलाफ मामले दर्ज के समाचार पढ़ उन्हें भी पांच लाख डूबने की आशंका होने लगी है।