बच्चों के लिए जो बात बताई वह अच्छी है। जयपुर के बाद जोधपुर दूसरा बड़ा शहर है, अब प्रयास यह हो कि वह अलग कैसे दिखे।
– राजीव मंूदड़ा, उद्यमी बचाव पर ध्यान देना चाहिए
सरकार का ध्यान ट्रीटमेंट पर रहता है, लेकिन अस्पतालों को सक्षम करना चाहिए। उपचार से ज्यादा बचाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
– डॉ. राम गोयल, चिकित्सक
जोधपुर के विकास की रेफरेंस लाइन जरूरी है। इंडस्ट्री व इंस्टीटयूट का सामंजस्य नहीं है जोधपुर में है। यह होना जरूरी है।
– एन के जैन, जेआइए अध्यक्ष
उत्पादकता बढ़ानी चाहिए
देश में उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकारी छुट्टियां कम करनी चाहिए। देश के विकास के लिए इस बारे में भी सोचना चाहिए।
– कैलाश मोदी, एजुकेशनिस्ट
स्कूलों के साथ मिलकर मुहिम चलाए कि अपने माता-पिता को कैसे समय दें। क्नो यॉर पेरेंटस के नाम से यह मुहिम चला सकते हैं।
– नवनीत अग्रवाल, उद्यमी हरियाली जरूरी
शहर के आस-पास जितने पहाड़ है उनको हराभरा करना जरूरी है। पहली बार पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचंद कुलिश ने पेड़ लगाया वहां अब प्राण वायु का उद्यान है।
– प्रसन्न पुरी गोस्वामी, पर्यावरणविद
पत्रिका की विश्वसनीया पर कोई शक नहीं। कोर्ट भी पत्रिका दिखाते हैं और संज्ञान लिए जाते हैं। यही इसकी पहचान है।
– आनन्द पुरोहित, इन्होंने भी रखा विजन
उद्यमी कैलाश कंसारा ने बताया कि पहला रोजगार मेला भी उन्होंने कई साल लगाया था, उस दिशा मंे आगे बढऩा चाहिए। उद्यमी राहुल सिंघवी ने बताया कि उद्योग संघर्षों से गुजर रहा है, एमएसएमई सेक्टर काफी परेशान है। इसके लिए कुछ करना चाहिए। उद्यमी विनोद जोहरी, पर्यावरणविद रामजी व्यास ने भी अपनी बात रखी।