निर्यातकों को आईजीएसटी रिफ ण्ड का भुगतान ऑटोमेटिक सिस्टम के द्वारा एक सप्ताह के भीतर उनके बैंक एकाउंट में किया जा रहा था । सरकार के नए आदेशानुसार निर्यातकों के कंटेनरों की सील काट कर निर्यात होने वाले माल व उसकी राशि का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही कंटेनर्स रवाना होने में देरी हो रही है। जोधपुर से निर्यात होने वाले कंटेनरों को यहा की तीनों इनलेण्ड कंटेनर्स डिपो यथा सूखा बंदरगाह, थार ड्राई पोर्ट व कॉनकोर पर जांच के लिए खोला जा रहा है । निर्यातको के अनुसार जिस पर संदेह हो उसके ही कंटेनर की सील खोल कर जांच की जाए। सभी निर्यातकों के कंटेनरों की सील काट करने से यहा के निर्यात उद्योग प्रभावित होगा।
— आइजीएसटी रिफ ण्ड स्केम में जोधपर के हैण्डीक्राफ्ट उद्योग से कोई निर्यातक शामिल नहीं है। केवल कुछ निर्यातकों की गड़बड़ी के कारण देश के सभी निर्यातकों के कन्टेनरों की सील कट करना अनुचित है । कंटेनर में देरी की वजह से कई विदेशी ग्राहकों ने भारतीय निर्यातकों को डेडलाइन भी जारी कर दी है ।
डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन