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जोधपुर

कब्रिस्तान में बन रहे बिस्किट और मसाले

जोधपुर शहर का सबसे बड़ा कब्रिस्तान सिवांची गेट वर्तमान में तीन हिस्सों में दिखाई देता है और वह भी सिमटा हुआ।

जोधपुरApr 09, 2016 / 02:32 pm

Nidhi Mishra

factories on graveyard

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जोधपुर शहर का सबसे बड़ा कब्रिस्तान सिवांची गेट वर्तमान में तीन हिस्सों में दिखाई देता है और वह भी सिमटा हुआ। परंतु इसका वास्तविक स्वरूप चार भाग (ए, बी, सी, डी) में बंटा हुआ है। वर्तमान में सिवांची गेट कब्रिस्तान का भाग ‘डी’ कहीं नहीं दिखता।
वहीं ए, बी और सी भाग पर जेडीए ने अपनी संपत्ति नहीं होने के बावजूद पट्टे तक जारी कर दिए। साल भर पहले नगर निगम इन्हीं पट्टों पर सवाल उठाते हुए अतिक्रमियों को जमीन के दस्तावेज पेश करने के नोटिस दे चुका है, लेकिन दस्तावेज मिलने पर कोई जांच तक नहीं करवाई। 
राजस्थान वक्फ बोर्ड ने भी कभी इन अतिक्रमियों पर कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। आज के अंक में हम प्रकाशित कर रहे हैं सिवांची गेट के कब्रिस्तानों पर अतिक्रमण से संबंधित एक रिपोर्ट।

दो साल में कई खसरे गायब हो गए
वर्ष 2012 की जमाबंदी के अनुसार सिंवाची गेट ए, बी, सी एवं डी कब्रिस्तान खसरा नंबर 41, 43, 246, 461/1, 482, 485, 490 में फैला हुआ। इसके अनुसार इसका कुल क्षेत्रफल 224.55 बीघा में बताया है, जबकि 2014 की जमाबंदी के अनुसार कई खसरे नदारद बताए हैं। 
वहीं 1958 के नक्शे को देखा जाए तो कब्रिस्तान की संपत्ति काफी बड़े भू-भाग में फैली नजर आती है। अब इसका आकलन करना भी मुश्किल दिखाई देता है। इसमें दिये गए स्केल में एक को 900 फीट के बराबर बताया है।
दर्जनों फैक्ट्रियां और पशुवध गृह भी कब्रिस्तान में सिवांची गेट कब्रिस्तान ए और बी दोनों ही प्रताप नगर जाने वाले रास्ते पर हैं। सिवांची गेट कब्रिस्तान ए की जमीन पर कपड़े और बिस्किट की फैक्ट्रियां हैं और एलुमिनियम के सामान बनाने सहित कई कॉमर्शियल कार्य हो रहे हैं। 
वहीं सिवांची गेट कब्रिस्तान बी की जमीन पर भी मसाले की कई फैक्ट्रियों सहित नगर निगम का पशुवध गृह एवं अन्य इकाइयां भी चल रही हैं। यहां भील बस्ती जाने वाले रास्ते पर कब्रिस्तान की जमीन पर पूरी कॉलोनी बस चुकी है।
कब्रिस्तान सी की जमीन पर निगम की वसूली

सिवांची गेट कब्रिस्तान सी की जमीन पर वर्तमान में नगर निगम की वसूली का धंधा भी जोर-शोर से चल रहा है। महेश स्कूल वाली रोड पर नगर निगम कब्रिस्तान के आगे आखलियों का किराया वसूल रहा है और इन्हें रसीद दे रहा है। यह जमीन कब्रिस्तान की है। 
इन्हीं आखली धारकों को नगर निगम अतिक्रमी मानते हुए पूर्व में कार्रवाई कर चुका है। सी भाग में अभी भी कब्रिस्तान की जमीन पर मकान बन रहे हैं। कब्रिस्तान का रखरखाव करने वाले खुद को असहाय बताकर जमीन पर अतिक्रमण करवा रहे हैं।
डी का अस्तित्व ही गायब

कब्रिस्तान के डी भाग की जमीन कभी सिवांची गेट से लेकर पांचवीं रोड चौराहे तक हुआ करती थी। वर्तमान में कब्रिस्तान का यह भाग नक्शे से मिट चुका है और पूरी तरह व्यवसायिक क्षेत्र बन गया है।
नक्शे मांगने पर बताए छिन्न-भिन्न

कब्रिस्तान बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोइनुद्दीन खान ओवैशी ने बताया कि कब्रिस्तान की जमीन के नक्शे वक्फ बोर्ड सहित जेडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, कलक्ट्रेट और भू-अभिलेखागार में होने चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत कब्रिस्तान के नक्शे मांगने पर तहसीलदार कार्यालय सहित वक्फ बोर्ड उन्हें छिन्न-भिन्न बता रहा है।
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