बुधवार को भी यहां चैत्री बीज के अवसर पर नाम मात्र का लघु मेला भरा और श्रद्धालुओं ने आई माता एवं केसर ज्योत के तथा आईपंथ के राष्ट्रीय धर्मगुरु के दर्शन किए। प्रतिवर्ष यहां कस्बे के बाणगंगा स्थल पर गंगा मैया का मेला तथा यहां कस्बे में आई माता की चेत्री बीज के अवसर पर मेला भरता रहा है। लेकिन लगातार 2 वर्षों से इन मेलों एवं तीज त्योहारों को कोरोना की नजर लग जाने से ना तो मेले भर रहे हैं, और न हीं तीज- त्योहार का कोई चाव ही रहा है। आज बुधवार को यहां विशाल मेला लगन था , लेकिन कोरोना की गाइडलाइन पालना के चलते इस वर्ष भी प्रशासन में मेलों पर रोक लगा दी।
राजसी वेशभूषा में आए दीवान प्रति वर्ष की भांति आई पंथ के राष्ट्रीय धर्मगुरु दीवान माधवसिंह अपने ज्येष्ठ पुत्र लक्ष्मणसिह एवं बाबा मंडली, कोटवाल- पंचों के साथ गाजों-बाजों के बजते हुए आई माता के मंदिर पधारे तथा मुख्य गर्भगृह में पिछले 500 वर्षों से जल रही अखंड केसर ज्योत की बाती बदली और माता की पूजा अर्चना कर मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए ।यहां देर शाम तक माता मंदिर में दर्शनार्थियों का ताता लगा रहा, इस बीच देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने दीवान माधव सिंह से भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
बाजार सड़कें सूनी रही प्रतिवर्ष यहां गंगा मैया मेला एवं बीज के मेले को लेकर पवित्र बाणगंगा से लेकर कस्बे की कृषि उपज मंडी तक के क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में दुकानें लगती रही है। स्टेडियम में झूलों का संसार लगता है, लेकिन इस बार यह पूरा परिसर खाली रहा, ना ही तो दुकानें लगी, नहीं स्टेडियम में झूले लग पाए और ना ही मेले जैसा वातावरण बना।
जबकि एक सप्ताह तक यहां कस्बे में मेले जैसा वातावरण बना रहता था। बावजूद आज फिर भी आई माता की बडेर परिसर में लघु मेले जैसा वातावरण रहा। कार्यवाहक पुलिस उप अधीक्षक आनंदसिंह राजपुरोहित मय जाब्ते के यहां बडेर पहुंचे, दीवान माधवसिंह से धर्म चर्चा की तथा दीवान ने चारों आई माता की बीज के महत्व की जानकारी दी।