जांच में पाया गया कि फर्म के पास 1 फरवरी को मेनेक्ट्रा वैक्सीन का स्टॉक शून्य था, लेकिन इस दिन खुदरा मेडिकल स्टोर व चिकित्सकों को वैक्सीन बेचे गए हैं। जांच में वैक्सीन बाहरी फर्मों से बिना बिल खरीदे जाने की भी पुष्टि हुई।
दिल्ली, अहमदाबाद व भटिंडा से खरीदे गए वैक्सीन की दर 32 सौ 34 सौ रुपए के मध्य होती है, लेकिन वर्धमान मेडिकोज ने कंपनी की तय दर से कम रेट में वैक्सीन खरीदना बताया। वैक्सीन 2 हजार में बेचे जाने के बिल मिले। संबंधित वैक्सीन के वाइल पर भी फर्जी लेबल मिले हैं। भौतिक सत्यापन में और भी कई वैक्सीन के बिलों में गड़बड़ी सामने आई।
हमने फर्म का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। कई तरह की गड़बडिय़ां जांच में मिली है। इस फर्म सहित अन्य के खिलाफ जयपुर में एफआइआर दर्ज करवाई जा चुकी हैं।
– राकेश वर्मा, सहायक औषधि नियंत्रक, जोधपुर