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जोधपुर

आग से तबाह हो गई खेतों में खड़ी फसल, सारी कोशिश रह गई नाकाम

भोपालगढ़. भोपालगढ़ क्षेत्र के सालवा कला गांव के करवाली ढाणी क्षेत्र में एक किसान के खलिहान में पड़ी पकी-पकाई बाजरे की फसल अचानक लगी आग से जलकर नष्ट हो गई।

जोधपुरOct 15, 2018 / 12:28 am

Manish kumar Panwar

 fire in crop

आग से तबाह हो गई खेतों में खड़ी फसल, सारी कोशिश रह गई नाकाम

भोपालगढ़. भोपालगढ़ क्षेत्र के सालवा कला गांव के करवाली ढाणी क्षेत्र में एक किसान के खलिहान में पड़ी पकी-पकाई बाजरे की फसल अचानक लगी आग से जलकर नष्ट हो गई। सालवा कला गांव निवासी 70 वर्षीय किसान भंवरलाल जाट के 17 बीघा खेत में बाजरे की खेती की थी। बड़े जतन से किसान ने फसल की सार-संभाल की और एक-दो बार हुई बारिश के चलते करीब 4 माह के इंतजार के बाद फसल पककर तैयार भी हो गई। किसान ने अन्य मजदूरों की मदद से सप्ताह भर पहले ही फसल की कटाई कर खलिहान में एक जगह एकत्रित कर दी और उपज निकालने से पहले फसल के सूखने के लिए चार अलग-अलग ढेरियां बना दी। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था और रविवार दोपहर करीब 3 बजे जब किसान भंवरलाल अपनी पत्नी व पांच बेटियों के साथ पास वाले खेत में मूंग की फसल समेटने का काम कर रहे थे। तभी उसके बाजरे वाले खेत में बनाए खलिहान में रखी बाजरे की फसल के ढेरों में अचानक आग लग गई। लगभग सूख चुकी इस फसल में देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और चारों ढेरियों में आग फैल गई। आग की लपटें देख पीडि़त किसान भंवरलाल व उसके परिजनों के साथ अन्य किसान मौके पर पहुंचे और रेत डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग बुझने की बजाय तेज होने लगी। पीडि़त किसान ने दूरभाष पर सरपंच सांवरराम मेघवाल एवं सामाजिक कार्यकर्ता राजूराम कूकणा को सूचना दी। जिन्होंने गांव में टैंकर रखने वाले लोगों से संपर्क कर मौके पर टैंकर भिजवाए और डांगियावास पुलिस थाने व जोधपुर स्थित दमकल को सूचना दी। वहीं खेत में आग लगने की सूचना मिलने पर गांव के कई अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और सरपंच सांवरराम, युवा कार्यकर्ता राजू कुकणा, कोजाराम गोदारा, किसनाराम, गोपाराम सियाग, बस्तीराम फिड़ौदा, विजय, महेंद्र, चेनाराम व प्रकाश समेत करीब 50-60 ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाने की कवायद की। लेकिन उनके सारे प्रयास नाकाम हो गए और 17 बीघा खेत में उगाई बाजरे की सारी फसल देखते ही देखते किसान की आंखों के सामने जलकर नष्ट हो गई। (निसं)
एक दाना भी नहीं आया हाथ
सामाजिक कार्यकर्ता राजूराम कूकणा ने बताया कि किसान भंवरलाल जाट ने करीब 17 बीघा जमीन पर इस बार बाजरे की बुवाई की थी। जिससे उसके यहां करीब 30-35 क्विंटल बाजरे की उपज एवं 20,000 रुपए से अधिक का चारा होने की उम्मीद थी। लेकिन खलिहान में आने के बाद फसल में लगी आग से सारी फसल जलकर नष्ट हो गई और अब उसे एक दाना उपज हाथ नहीं लग सकेगी। आगजनी की इस घटना में पीडि़त किसान को हजारों का नुकसान हुआ है। पीडि़त किसान भंवरलाल के परिवार में उसकी पत्नी एवं पांच बेटियां है और वह एकमात्र बुजुर्ग कमाऊ सदस्य है।
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