सामाजिक कार्यकर्ता राजूराम कूकणा ने बताया कि किसान भंवरलाल जाट ने करीब 17 बीघा जमीन पर इस बार बाजरे की बुवाई की थी। जिससे उसके यहां करीब 30-35 क्विंटल बाजरे की उपज एवं 20,000 रुपए से अधिक का चारा होने की उम्मीद थी। लेकिन खलिहान में आने के बाद फसल में लगी आग से सारी फसल जलकर नष्ट हो गई और अब उसे एक दाना उपज हाथ नहीं लग सकेगी। आगजनी की इस घटना में पीडि़त किसान को हजारों का नुकसान हुआ है। पीडि़त किसान भंवरलाल के परिवार में उसकी पत्नी एवं पांच बेटियां है और वह एकमात्र बुजुर्ग कमाऊ सदस्य है।