-गांधी मैदान में भूमिगत पार्र्किंग का काम शुरू होते ही विरोध शुरू हो गया। लोगों का कहना था कि इससे गांधी मैदान की सूरत खराब हो जाएगी। -वर्ष 2015 में काम शुरू हुआ। इसे 18 माह, यानी जून 2016 में तैयार होना था। लेकिन समय पर फंड नहीं मिलने से यह पार्किंग का काम अटकता रहा।
263 चौपहिया वाहनों की पार्किंग
492 दुपहिया वाहन आ सकेंगे। दे दिया हैंडओवर का पत्र
-भूमिगत पार्किंग पूरी तरह से तैयार है। हमने गत 31 अगस्त को ही पार्किंग हैंडओवर के लिए नगर निगम को पत्र लिख दिया है। पार्किंग का उद्घाटन व चालू करने की जिम्मेदारी निगम की है।
नई सडक़ पर विवादों में पड़ चुकी मल्टीलेवल पार्किंग पर अब तक सवा करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस पार्किंग का निर्माण भी रिडकोर कर रही है। वर्ष 2013 में काम शुरू होने के बाद वर्ष 2014 में काम बंद हो गया था। रिडकोर कम्पनी के अनुसार फाउंडेशन सहित अन्य कामों पर कुल सवा करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
ओझा-इस माह के अंत तक हर हाल में भूमिगत पार्र्किंग का उद्घाटन कर देंगे।
ओझा-बिल्डिंग वर्क पूरा हो गया है। कम्प्यूटर वर्क अभी शेष है। पत्रिका-पार्र्किंग में वाहनों की पार्र्किंग दरें क्या रहेंगी, इसका कोई निर्णय किया है क्या?
ओझा-आगामी 25 सितम्बर को नगर निगम की बोर्ड बैठक है। इसमें दर तय की जाएंगी। इस माह में पार्र्किंग आमजन के लिए खोल दी जाएगी।