– कुंती देवड़ा
– संगीता बेनीवाल
– फरजाना चौहान
– शुभलक्ष्मी पुरोहित
– कल्पना सिंघी
– इंदिरा भाटी भाजपा में महिला नेतृत्व
– संगीता सोलंकी
– वनिता सेठ
– इंद्रा राजपुरोहित
– अमिता चौधरी
– सीमा माथुर वो दिग्गज जिनके हाथ नहीं आएगी कुर्सी
– राजेन्द्र सोलंकी
– रामेश्वर दाधीच
– सुनील परिहार
– गणपतसिंह चौहान
– अ. मजीद गौरी
– सुनील व्यास
– डॉ. अजय त्रिवेदी भाजपा में बड़े नाम जो खाली रहेंगे
– घनश्याम ओझा
– राजेन्द्र गहलोत
– जगतनारायण जोशी
– मेघराज लोहिया
– देवेन्द्र सालेचा
– प्रसन्न मेहता
महिला सीट होने के कारण अब अधिकांश दिग्गज नेता अपने महिला रिश्तेदारों को चुनावी रण में उतार सकते हैं। वार्ड आरक्षण प्रक्रिया एक बार फिर से होगी। ऐसे में यह भी उम्मीद है कि जो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं है वहां भी कई नेता अपने रिश्तेदारों को चुनाव लड़वा सकते हैं। आरक्षण के लिए लिहाज से 33 प्रतिशत ही महिलाएं पार्षद बनेगी। लेकिन जब दोनों सीटें महिला महापौर की होगी तो महिला पार्षदों का यह प्रतिशत बढ़ भी सकता है।