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जोधपुर

JNVU Election Dispute : ग्रीवेंस कमेटी ने की ABVP प्रत्याशी मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की सिफारिश

– कुलपति करेंगे अंतिम फैसला
– 24 घण्टे में कुलपति के पास अपील कर सकते हैं मूलसिंह

जोधपुरSep 28, 2018 / 11:15 am

Kanaram Mundiyar

Grevenance Committee recommends rejecting nomination of ABVP candidate

ग्रीवेंस कमेटी ने की एबीवीपी प्रत्याशी मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की सिफारिश

जोधपुर.

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर छात्रसंघ चुनाव में विवाद निस्तारण के लिए बनी ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी ने गुरुवार सुबह अपनी रिपोर्ट कुलपति कार्यालय को सौंप दी। कमेटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर विजयी NSUI प्रत्याशी सुनील चौधरी की नकल प्रकरण को लेकर आपत्ति पर abvp के प्रत्याशी मूलसिंह राठौड़ का नामांकन खारिज कर दिया। इसी कमेटी ने 5 सितम्बर को नामांकन दाखिले के बाद आपत्ति के समय रात 10 बजे तक सलाह मशिवरा कर मूलसिंह का नामांकन स्वीकार कर उसे चुनाव लडऩे की इजाजत दी थी।
नामांकन दाखिल करने वाले अन्य प्रत्याशी लक्ष्यदीप सिंह ने भी इसी नकल प्रकरण को लेकर मूलसिंह के नामांकन पर आपत्ति दायर की थी। ग्रीवेंस कमेटी के इस फैसले ने कमेटी पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। कमेटी की रिपोर्ट पर अब अंतिम फैसला कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा करेंगे। वैसे मूलसिंह चाहें तो 24 घण्टे के भीतर कुलपति के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।
यह था मामला
जेएनवीयू छात्रसंघ चुनाव इतिहास में पहली बार ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी (एक तरह का न्यायालय) ने चुनाव के बाद 22 सितम्बर को सुनवाई की थी। छात्रसंघ चुनाव में सुनील चौधरी 9 वोट से जीत गए थे। परिणाम घोषित होने के बाद मूलसिंह ने करीब 20 बिंदुओं की आपत्तियां दर्ज की थी। इन पर गत शनिवार को 7 घण्टे तक सुनवाई हुई थी। इसके लिए चार घण्टे तक वीडियो फुटेज भी देखे गए। सुनील चौधरी द्वारा मूल सिंह पर पांच साल पहले परीक्षा में नकल व सजा का मामला उठाकर नामांकन खारिज करने की मांग की गई थी।
पीआरओ, सीआरओ व ऑबजर्वर की रिपोर्टें बनी आधार

विवि की ग्रीवेंस कमेटी के अध्यक्ष प्रो. कमलेश पुरोहित ने विवि के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, एपेक्स पद निर्वाचन अधिकारी, मतदान में लगे पर्यवेक्षकों और अध्यक्ष पद के अन्य तीनों प्रत्याशियों की रिपोर्ट को आधार मानते हुए मूलसिंह की आपत्तियों का निस्तारण किया। सभी ने विवि की चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी व निष्पक्ष बताया।
मुख्य आपत्तियों का यह है जवाब
आपत्ति- मतदान में 33 वोट गायब थे, जबकि जीत का फैसला केवल 9 वोट से हुआ है। वोट गिने जाने पर परिणाम बदल सकता है।

कमेटी का तर्क – चुनाव अधिकारी ने रिपोर्ट दी कि विवि में हर साल मतदान के समय कुछ वोट दूसरे प्रत्याशियों के मतदान बॉक्स में चले जाते हैं, जिन्हें खारिज माना जाता है।

आपत्ति – सुनील चौधरी मतगणना में 39 वोट से जीत हुई। पुनर्मतगणना में 26 वोट खारिज हुए और केवल 9 वोट से जीत घोषित हुई। मूलसिंह ने कहा कि जिस पर आधार पर उसके मत खारिज किए गए हैं उसी आधार पर उसने प्रतिद्वंदी के 81 मतों को बाहर निकाला लेकिन 57 मत खारिज नहीं माने।
कमेटी – निर्वाचन अधिकारी ने स्वयं पुनर्मतगणना की थी और मूलसिंह को सुनील चौधरी व खारिज मत दिखाए गए थे।
आपत्ति – सभी वोटों की दुबारा गिनती हो।

कमेटी – मूलसिंह की आपत्ति पर एक बार पुनर्मतगणना की जा चुकी है। चुनाव की इस स्टेज पर यह संभव नहीं है।
मैं संघर्ष करूंगा-
ग्रीवेंस कमेटी का कहना है कि चुनाव की इस स्टेज पर पुनर्मतदान या पुनर्मतगणना नहीं हो सकती तो वह इस स्टेज पर मेरा नामांकन कैसे खारिज कर सकती है। 5 सितम्बर को नामांकन क्यों खारिज नहीं किया और क्यों मुझे चुनाव लडऩे की इजाजत दी। मैं संघर्ष करता रहूंगा। ग्रीवेंस कमेटी ने दबाव में अपनी रिपोर्ट दी है।
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