मंडोर गुफा स्थित शिवालय में होती है गोवंश की सेवा, परिव्राट स्वामी ने 100 साल पहले की थी साधना सिवांची गेट के बाहर स्थित शिवदत्त स्मारक परिसर में स्थित शिवालय में दोनों शिवलिंग की नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर परिसर के जलकुण्ड में हर साल श्रावणी उपाकर्म व श्राद्ध तर्पण का आयोजन भी होता है। श्रावण सोमवार को विशेष शृंगार व अभिषेक किया जाता है। औषधीय और धार्मिक महत्व के पेड़-पौधों से आच्छादित मंदिर परिसर में यज्ञशाला, गौशाला का संचालन होता है।
मां उष्ट्रवाहिनी मंदिर में विराजे हैं काशी विश्वानाथ, साथ होती है हिंगलाज माता की पूजा-अर्चना स्मारक से जुड़े अचलेश्वर बोहरा ने बताया कि यह स्थान सदियों से ही संतों-सन्यासियों की तपोभूमि रहा है। दशकों पूर्व पुष्करणा समाज में लगातार अनहोनी घटनाओं के चलते जोधपुर के करीब 50 शिवालयों में रुद्राभिषेक योजना का शुभारंभ भी यही से किया गया था। मंदिर का पाटोत्सव वैशाख शुक्ल द्वादशी को मनाया जाता है।