बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका: महिला को 9 अप्रैल तक पेश करने के निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए जालोर सदर पुलिस को कथित रूप से मामा की अवैध बंदिश में रह रही महिला को 9 अप्रैल या इससे पहले पेश करने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश देवेन्द्र कछवाहा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता पवन सिंह की ओर से अधिवक्ता उमेश कल्ला ने बताया कि याची की शादी जालोर निवासी महिला से आर्य समाज बीकानेर में सम्पन्न हुई थी। जालोर सदर कोतवाली थाने में गुमशुदगी दर्ज होने पर पवन सिंह व उसकी पत्नी को पुलिस ने दस्तयाब किया। महिला ने पवन सिंह के साथ जाने की इच्छा जाहिर की, लेकिन पुलिस ने महिला को उसके मामा के साथ यह कह कर भेज दिया कि दो दिन बाद मामा उसे ससुराल भेज देंगे। अधिवक्ता ने कहा कि महिला ने किसी तरह फोन पर पति को मामा के अवैध बंदिश में रहने की बात बताई। जिस पर याची ने थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया। इस पर भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने पुलिस को नोटिस जारी कर 9 अप्रैल या उससे पहले महिला को कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है।
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