यह गांव है बिलाड़ा तहसील का हूणगांव। इस गांव में करीब 300 वर्षों से होली दहन नहीं किया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि हूणगांव में करीब 300 वर्ष पूर्व गांव से गुजर रही मुगल सेना के डर से लोग दूसरे गांव में चले गए व और वे गांव में वापस आए तब तक होली के लिए रोपा गया वह डांडा हरा भरा हो गया। इस पर ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से गांव में होली दहन नहीं करने का यह निर्णय कर इस परंपरा की शुरूआत की।
इस सम्बंध में ग्रामीण सावदास राव ने बताया कि करीब 300 वर्ष पहले हूणगांव के ग्रामीणों ने फागण मास में प्रथम तिथि को खड्डा खोदकर होली दहन के लिए एक खेजड़ी की छोटी डाली रोपी लेकिन ग्रामीण मुगल सेना के डर से वे शुभ मुहूर्त में होली दहन नहीं कर पाए। तब से यह परंपरा चल रही है। होली दहन गांव में नहीं होता।