—- हजारों ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जाएगा परियोजना में महिला प्रशिक्षाणार्थियों को मधुमक्खी पालन के वैज्ञनिक तरीकें बताए जाएंगे, मधुमक्खी पालन के आधुनिक उपकरण वितरित किए जाएंगे, शहद उपलब्धता के लिए पौधारोपण व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे सिरोही जिले की हजारों महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा।
— विश्व में शहद उत्पादन में भारत छठें नम्बर पर शहद उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने तेजी से बढ़ोतरी की है और पूरे विश्व में छठें स्थान पर है। एपिड़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वर्ष 2019-20 में लगभग 59 हजार टन प्राकृतिक शहद का निर्यात कर लगभग 633 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा अर्जित की है। भारत से शहद आयातक प्रमुख देश अमरीका, सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर आदि है।
—– इन कार्यो के लिए मिला फण्ड – 5 लाख रुपए तकनीकी प्रदर्शन के लिए। – 2.50 लाख रुपए मधुमक्खी पालन के उपकरण के लिए। – 3.50 लाख रुपए महिला सशक्तिकरण के लिए।
– 5 लाख रुपए पौधारोपण के लिए। – 3.50 रुपए लाभार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए। ———– राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की यह परियोजना अच्छी गुणवत्ता वाले शहद उत्पादन के लिए शोध के अलावा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे व महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्य भूमिका निभाएगी।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर