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जोधपुर

शहद घोलेगा ग्रामीण महिलाओं के जीवन में मिठास

– राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय की परियोजना स्वीकृत की
– ग्रामीण महिलाओं को मधुमक्खी पालन से जोड़ सृजित करेंगे आय के स्त्रोत
– परियोजना के तहत 20 लाख रुपए की धनराशि मिलेगी

जोधपुरApr 15, 2021 / 05:52 pm

Amit Dave

शहद घोलेगा ग्रामीण महिलाओं के जीवन में मिठास

शहद घोलेगा ग्रामीण महिलाओं के जीवन में मिठास

जोधपुर।

सेहत को सुधारने व आयुर्वेद में कई औषधियों के निर्माण में प्रयोग आने वाला शहद अब ग्रामीण महिलाओं के जीवन में मिठास भी घोलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर की मधुमक्खी पालन के लिए परियोजना स्वीकृत की है। बोर्ड द्वारा महिला सशक्तिकरण, तकनीकी प्रदर्शन के क्रियान्वयन, वैज्ञानिक विधि द्वारा मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण आदि के लिए 20.18 लाख रुपए की परियोजना स्वीकृत हुई है। प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले विवि के अधीन कृषि विज्ञान केन्द्र सिरोही में कार्य शुरू होगा। इस परियोजना के माध्यम से सिरोही की ग्रामीण महिलाओं को मधुमक्खी पालन द्वारा आय के स्त्रोत सृजित किए जाने के अवसर प्राप्त होंगे।
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हजारों ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जाएगा

परियोजना में महिला प्रशिक्षाणार्थियों को मधुमक्खी पालन के वैज्ञनिक तरीकें बताए जाएंगे, मधुमक्खी पालन के आधुनिक उपकरण वितरित किए जाएंगे, शहद उपलब्धता के लिए पौधारोपण व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे सिरोही जिले की हजारों महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा।

विश्व में शहद उत्पादन में भारत छठें नम्बर पर

शहद उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने तेजी से बढ़ोतरी की है और पूरे विश्व में छठें स्थान पर है। एपिड़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वर्ष 2019-20 में लगभग 59 हजार टन प्राकृतिक शहद का निर्यात कर लगभग 633 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा अर्जित की है। भारत से शहद आयातक प्रमुख देश अमरीका, सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर आदि है।
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इन कार्यो के लिए मिला फण्ड

– 5 लाख रुपए तकनीकी प्रदर्शन के लिए।

– 2.50 लाख रुपए मधुमक्खी पालन के उपकरण के लिए।

– 3.50 लाख रुपए महिला सशक्तिकरण के लिए।
– 5 लाख रुपए पौधारोपण के लिए।

– 3.50 रुपए लाभार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए।

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राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की यह परियोजना अच्छी गुणवत्ता वाले शहद उत्पादन के लिए शोध के अलावा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे व महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्य भूमिका निभाएगी।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति

कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर

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