RTO–ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक के मूर्तरूप लेने की जगी उम्मीद
– परिवहन आयुक्त ने अधिकारियों की क्लास, जल्द काम पूरा करने के दिए निर्देश- ढाई साल से अटका पड़ा है ट्रेक
RTO–ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक के मूर्तरूप लेने की जगी उम्मीद
जोधपुर।
प्रादेशिक परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में करीब ढाई साल पहले बनाए गए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक के मूर्तरूप लेने की उम्मीद जगी है। दो दिन पूर्व ही परिवहन आयुक्त व शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक का निरीक्षण किया व आरटीओ सहित सभी अधिकारियों को ट्रेक जल्द चालू करवाने के निर्देश दिए। इस दौरान परिवहन आयुक्त ने आरटीओ के नए भवन का कार्य भी पूरा कराने के निर्देश दिए। वाहनों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक की इस नई प्रणाली से ट्रायल लेने के लिए तैयार ट्रेक पर सेंसर, कम्प्यूटर सिस्टम, सॉफ्टवेयर सहित तकनीकी कार्य अभी तक नहीं हुए है, इस वजह से ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक चालू नहीं हो पा रहा है। ट्रेक का निर्माण राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी ) ने किया है।
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अधिकारियों के दौरे के बाद भी वहीं हाल
– 28 जनवरी को जोधपुर आए तत्कालीन परिवहन आयुक्त रवि जैन ने भी विभागीय बैठक में भाग लेने के बाद ट्रेक पर सेंसर सहित तकनीकी काम करीब डेढ़ माह में पूरा कर ट्रेक चालू करने की बात कहीं थी।
– कुछ दिन पूर्व ही संभागीय आयुक्त ने भी ट्रेक व आरटीओ कार्यालय का निरीक्षण कर कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश दिए थे।
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कैमरों से होगी मॉनिटरिंग
विभाग की ओर से लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस में आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बाद ड्राइविंग ट्रायल लेने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पारदर्शिता से ट्रायल कराने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर कैमरों से मॉनीटरिंग की जाएगी और सभी टेस्ट के बाद आवेदक के पास-फेल का रिजल्ट निकाला जाएगा।
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आयुक्त के निर्देशानुसार तकनीकी काम पूरा कर ट्रेक को जल्द चालू कराने की प्राथमिकता रहेगी।ट्रेक पर सेंसर लगाने सहित कुछ तकनीकी काम ही बाकी है, ये काम पूरे होते ही ट्रेक चालू कर दिया जाएगा।
रामनारायण गुर्जर,
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जोधपुर
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