यूं पकड़ें दूध निर्मित मिठाई में मिलावट शहर के बाशिंदों में रसगुल्ले का क्रेज ज्यादा है। दिखने में ये छोटे होने के कारण बड़े आकर्षक होते हैं। इसके अलावा मलाई राजभोग, केसर राजभोग और रस माधुरी की खरीदारी में भी बूम रहता है। कई बार इनमें मिलावट मिल सकती है। इसकी जांच करने के लिए बाजार में कैमिकल की दुकान से आयोडीन की गोलियां ले आएं। ये गोलियां एक कप पानी में भिगो कर 24 घंटे के लिए रख दें। उसके बाद किसी भी दूध निर्मित मिठाई का टुकड़ा लें और उस पर चार बूंद यह आयोडीन लिक्विड डाल दें। यदि कुछ पल में इसका रंग काला हो जाता है तो वह मिठाई खाने योग्य नहीं है। क्योंकि उसमें सिंथेटिक मावा या सिंथेटिक दूध मिला हुआ है। इसी तरह बाजार में कैमिकल की दुकानों पर यूरिया रिएंजेंट रेडिमेड तैयार मिलता है। ऐसे में आप घर पर लाई गई दूध की मिठाई पर दो बूंद यूरिया की डालें। ऐसे में थोड़ी देर में उसका रंग हल्का पीला हो जाएगा। इसका सीधा मतलब मिठाई खाने योग्य नहीं है। उसमें यूरिया मिला हुआ है।
ड्राई फू्रट मिठाई के लिए रहे जागरुक
जानकारों की मानें तो सामान्य काजू की कतली की मिठाई में ये कैमिकल काम नहीं करते हैं। क्योंकि काजू में पहले से स्टार्च होता है। वैसे टेस्टिंग के दौरान यूं भी स्टार्च शो हो जाता है। ऐसे में इसकी पहचान तो संभवत: खाद्य सुरक्षा मानक की लैब में ही संभव हो सकती है। बाजार में यदि कोई काजू कतली की मिठाई सूखी हुई हो तो वह बिल्कुल न खरीदें। इसी प्रकार अन्य ड्राई फू्रट की मिठाई भी इसी तरह से खरीदें। ये मिठाइयां पुरानी भी हो सकती हैं।
(जैसा कि चल प्रयोगशाला के पूर्व कार्मिक सुमित पुरोहित ने पत्रिका को बताया)