सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए गए मुख्य न्यायाधीश भट्ट ( Chief Justice Bhatt appointed judge in Supreme Court ) गुरुवार को हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्य पीठ में अपने विदाई रेफरेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, मैंने राजस्थान में हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों की दशा को करीब से देखा है। यहां जज और न्यायिक अधिकारियों पर काम का बहुत दबाव है। जिस तरह की कार्य दशाएं यहां हैं, यह कहना ही होगा कि सीमित संसाधनों के बावजूद यहां के जज बेहतर कार्य कर रहे हैं।
अपने बचपन से देश की शीर्ष अदालत में जज नियुक्त होने तक के सफर की चर्चा करते हुए भट्ट ने कहा कि उनके माता-पिता उनके आदर्श रहे हैं। बचपन में शारीरिक व्याधि के बावजूद उनकी देखरेख और शिक्षा दीक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसलिए आए वकालत में
आपातकाल के बाद की स्थितियों ने उन्हें प्रेरित किया कि समाज के लिए कुछ करना है तो वकालत में आना चाहिए। शुरुआत के संघर्ष को याद करते हुए सीजे ने उपलब्धियों और अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी विस्तार बताया। उन्होंने साथी जजों व अपने सभी सहयोगियों, बार के सदस्यों का आभार जताया।
कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया
सीजे भट्ट ने युवा अधिवक्ताओं को कत्र्तव्यनिष्ठा के साथ कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा आप न्याय पालिका की इस संस्था के भविष्य हो और आपको इसे और गौरवान्वित करना है। आखिर में उन्होंने कहा कि यह मौका अलविदा कहने का नहीं है, बल्कि कहना चाहिए जल्द मिलेंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से रेफरेंस
वीडियो कांफ्रेंसिंग से रेफेरेंस का यह दूसरा मौका था। जयपुर पीठ के न्यायाधीशों को भी वीसी के जरिए रेफरेंस से जोडऩे की पहल स्वयं सीजे भट्ट की थी और उनकी विदाई में भी दोनों पीठ के जज इसमें शामिल हुए।
प्रारंभ में वरिष्ठ न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने सीजे भट्ट पर व्यक्तित्व व कृतित्व की जानकारी दी। बाद में महाधिवक्ता एमएस सिंघवी, बार कौंसिल के चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एवं लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी व सुनील जोशी, राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष अनिल उपमन ने भी रेफरेंस पढ़ा।