पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) डॉ रवि ने बताया कि बाल वाहिनियों में आने-जाने वाले बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन वाहनों में ओवरलोडिंग, नियम विरूद्ध संचालन, बाल वाहिनी चालक/परिचालकों को सद्व्यवहार बनाए रखने, वाहनों में निर्धारित क्षमता से डेढ़ गुना बच्चे ही बिठाने, आवश्यक सेफ्टी जाली लगाने, सिटी बसों में लगे स्पीड गर्वनर सुचारू रखने के बारे में पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विद्यालय प्रशासन को भी बाल वाहिनी नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। डीसीपी ने अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि किसी बाल वाहिनी में मासूमों की असुरक्षित महसूस करें तो फोटो के साथ यातायात पुलिस के व्हॉट्सएेप नम्बर पर भेज दें। बाल वाहिनियों के सभी चालकों के नए चरित्र सत्यापन कराने के निर्देश भी दिए गए।
इस अवसर पर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात), अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (मा), मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रतिनिधि, निगम के सहायक अभियंता, अभिभावक संघ के अध्यक्ष व सचिव, ऑटो रिक्शा व ऑटो रिक्शा एकता यूनियन के पदाधिकारी व यातायात पुलिस के निरीक्षक मौजूद रहे।
पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में रखें समस्या पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों ने अभिभावकों से आग्रह किया कि विद्यालय में होने वाली पेरेंट्स टीचर मीटिंग में बाल वाहिनी नियमों की पालना के लिए प्रशासन से आग्रह करें। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाली बाल वाहिनियों के चालकों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए यातायात व परिवहन अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
ऑटो रिक्शा यूनियन/सिटी बस यूनियन से शहर में संचालित बालवाहिनी चालकों के नवीनतम चरित्र सत्यापन करवाने के निर्देश दिए गए।