मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खंडपीठ में स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने पूर्ववर्ती आदेश की पालना में शपथ पत्र पेश करने के लिए समय मांगा।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि जिला कलक्टर को नागरिकता देने का अधिकार विकेंद्रीकृत करने के बाद जोधपुर जिले में अब तक 1365 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है। वर्तमान में 74 विचाराधीन प्रकरणों में स्वीकृति पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें विस्थापितों की पाक नागरिकता परित्याग करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पूर्व में न्याय मित्र ने खंडपीठ का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया था कि हाईकोर्ट ने 22 सितंबर, 2017 को राज्य सरकार और जोधपुर जिला प्रशासन को पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए थे, लेकिन दो साल बाद भी वांछित सुविधाएं नहीं दी जा रही।
कोर्ट ने राज्य सरकार को पाक विस्थापितों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित करने को कहा था, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। विस्थापितों के आश्रय स्थलों पर रोशनी, पानी, चिकित्सा एवं प्राथमिक शिक्षा सुनिश्चित करने के आदेश की पालना भी सतही अंदाज में की गई।
कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 19 अगस्त, 2016 को जारी अधिसूचना का भी हवाला दिया, जिसमें केंद्र ने दीर्घकालीन वीजा पर रहने वाले पाक विस्थापितों को स्वरोजगार प्रारंभ करने, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड जारी करने सहित अन्य सुविधाएं देने के लिए राज्य को कहा था। इस संबंध में भी अपेक्षित प्रयास नहीं किए गए हैं। जबकि राजपुरोहित ने कहा कि सरकार आवश्यक प्रयास कर रही है, जिसका विवरण शपथ पत्र में दिया जाएगा।